
नई दिल्ली । 28 जून 2025, शब्दरंग समाचार:
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने भारत को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक नया अध्याय दिया है। 27 जून 2025 को वह Axiom-4 मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) की ओर रवाना हुए। यह मिशन 41 वर्षों के अंतराल के बाद भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान में वापसी का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने की शुभांशु से बातचीत
शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभांशु शुक्ला से सीधे संवाद किया। उन्होंने कहा: “आप आज भारत भूमि से सबसे दूर हैं, लेकिन भारतवासियों के दिलों के सबसे करीब। आपके नाम में ‘शुभ’ है और यह यात्रा नए युग का शुभ आरंभ है।”
मोदी की इस बातचीत में सिर्फ एक प्रधानमंत्री की आवाज नहीं थी, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की भावना जुड़ी हुई थी।
Axiom-4 मिशन में शुभांशु के साथ अन्य अंतरिक्ष यात्री
इस मिशन में शुभांशु के साथ अन्य तीन अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं:
- पेग्गी व्हिटसन (कमांडर, USA)
- स्लावोश उजनान्स्की-विस्निएवस्की (पोलैंड)
- टोबूर कापू (हंगरी)
यह चार सदस्यीय दल ISS में 14 दिन तक वैज्ञानिक प्रयोग करेगा।
मिशन का वैज्ञानिक महत्व और ऐतिहासिक संदर्भ
यह मिशन सिर्फ भारत की प्रतिष्ठा के लिए ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक शोध, चिकित्सा प्रयोगों और भविष्य की दीर्घकालिक अंतरिक्ष यात्राओं के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इससे पहले 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा ने सोवियत संघ के साथ भारत का प्रतिनिधित्व किया था।
कौन हैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला?
- 2006 में भारतीय वायुसेना में बतौर फाइटर पायलट करियर की शुरुआत
- 2019 में गगनयान मिशन के लिए चुने गए अंतरिक्ष यात्री
- 2019–2021 में रूस के यूरी गागरिन कोसमोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण
- 2025 में स्पेसएक्स में मिशन-रेडी ट्रेनिंग पूर्ण की
परिवार की प्रतिक्रिया: मां और पिता की भावनाएं
शुभांशु की मां आशा शुक्ला और पिता शंभू दयाल शुक्ला इस ऐतिहासिक पल को देखकर भावुक हो गए।
मां ने कहा: “ये खुशी के आंसू हैं। हमने इस दिन का सालों से इंतजार किया था।”
वहीं पिता बोले: “हमारी दुआएं और आशीर्वाद उनके साथ हैं, ईश्वर मिशन की सफलता सुनिश्चित करें।”