
लखनऊ । 01जुलाई 2025, शब्दरंग समाचार :
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा नवचयनित सिपाहियों को गुणवत्तापूर्ण और एकरूप प्रशिक्षण देने के लिए नई डिजिटल पहल की गई है। डीजीपी राजीव कृष्ण के निर्देश पर प्रशिक्षण निदेशालय विशेषज्ञ पुलिस अधिकारियों के वीडियो लेक्चर तैयार करवा रहा है, जो राज्य के सभी रीजनल ट्रेनिंग सेंटर्स (RTC) को भेजे जाएंगे।
प्रशिक्षण का उद्देश्य: एकरूपता और विशेषज्ञता
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि सभी नवचयनित सिपाहियों को समान स्तर का प्रशिक्षण मिले, ताकि प्रदेश भर में पुलिसिंग का स्तर एक समान हो।
- विशेषज्ञ ‘उस्तादों’ के अनुभवों से हर सिपाही को लाभ
- एक जैसे वीडियो से ट्रेनिंग में गुणवत्ता और एकरूपता सुनिश्चित
- ट्रेनिंग की शुरुआत 20 जुलाई 2025 से होगी
एक हजार से अधिक विशेषज्ञ वीडियो तैयार
प्रशिक्षण निदेशालय ने 1000+ वीडियो लेक्चर तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की है:
- विषय विशेषज्ञ: वरिष्ठ निरीक्षक और उपनिरीक्षक
- विषय: कानून व्यवस्था, अपराध जांच, महिला सुरक्षा, साइबर क्राइम, और व्यवहारिक प्रशिक्षण
- ये वीडियो सभी ट्रेनिंग सेंटरों में अनिवार्य रूप से दिखाए जाएंगे
1200 से अधिक प्रशिक्षक चुने गए
लगभग 1200 निरीक्षक और उपनिरीक्षक को प्रशिक्षक के रूप में नामित किया गया है:
- अधिकतर प्रशिक्षक पूर्व में भी ट्रेनिंग दे चुके हैं
- पुलिसिंग की बारीकियों और तकनीकी कौशल में माहिर
- वीडियो में उनके अनुभव, तकनीक और केस स्टडीज शामिल की जाएंगी
ट्रेनिंग सेंटर्स में डिजिटल शिक्षण की शुरुआत
रीजनल ट्रेनिंग सेंटर्स (RTCs) में पहली बार प्रशिक्षण का यह वीडियो-आधारित मॉडल अपनाया जा रहा है।
- तकनीक के माध्यम से ट्रेंनिंग में नवाचार
- व्याख्यान बार-बार देख सकने की सुविधा
- कम अनुभव वाले प्रशिक्षकों को भी गुणवत्ता युक्त सामग्री उपलब्ध
क्यों है यह पहल महत्वपूर्ण?
- पूरे प्रदेश में एकरूप और व्यावहारिक प्रशिक्षण संभव
- पुलिस सिपाही की कार्यकुशलता और आत्मविश्वास में वृद्धि
- फील्ड में बेहतर प्रदर्शन के लिए उन्नत मार्गदर्शन
- भविष्य में यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए रोल मॉडल बन सकता है