
नई दिल्ली।5 जून 2025, शब्दरंग समाचार:
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका दौरे के दौरान ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान की ओर से इस्तेमाल की गई चीनी तकनीक ‘किल चेन’ को मात दी और 11 पाकिस्तानी एयरबेस को प्रभावशाली तरीके से निष्क्रिय किया।
‘मध्यस्थता का कोई सवाल नहीं’ – शशि थरूर
अमेरिका में मीडिया से बातचीत में जब थरूर से भारत-पाकिस्तान संबंधों में अमेरिका की मध्यस्थता की संभावना पर सवाल किया गया, तो उन्होंने स्पष्ट कहा: “मध्यस्थता ऐसा शब्द नहीं जिसे हम स्वीकार करते हैं। आप दोनों पक्षों को बराबरी पर नहीं रख सकते – एक आतंकियों को पनाह देने वाला देश है और दूसरा लोकतांत्रिक राष्ट्र।”
थरूर का यह बयान भारत की कूटनीतिक स्थिति को मजबूती से पेश करता है, जिसमें आतंक और लोकतंत्र को एक समान मंच पर रखने से इनकार किया जाता है।
चीन की तकनीक और भारत की रणनीति
शशि थरूर ने बताया कि पाकिस्तान ने चीन की ‘किल चेन’ प्रणाली का इस्तेमाल किया, जिसमें रडार, GPS, मिसाइल और एयरक्राफ्ट को एक ही नेटवर्क से जोड़ा जाता है।
भारत ने इस तकनीक को रणनीति में बदलाव करके नाकाम किया। थरूर ने कहा: “अगर हमने रणनीति नहीं बदली होती तो पाकिस्तान पर इतनी प्रभावशाली कार्रवाई नहीं हो पाती। लड़ाई के दौरान ही हमने अपनी योजना को एडजस्ट किया और उनकी आपूर्ति श्रृंखला तोड़ दी।”
चीन-पाक गठजोड़: भारत की चेतावनी
थरूर ने चेताया कि पाकिस्तान में चीन के गहरे आर्थिक हित हैं, खासकर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) जो बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का मुख्य हिस्सा है। इसलिए भारत को चीन की भूमिका और नीयत को नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की सैन्य सफलता
सूत्रों के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान के 11 सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए, जो उनकी आपूर्ति और संचार व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण थे।
इस ऑपरेशन के मुख्य बिंदु:
- रणनीति में वास्तविक समय में बदलाव
- स्मार्ट टार्गेटिंग सिस्टम का प्रयोग
- चीन की ‘किल चेन’ तकनीक का डिजिटल डिफ्यूज
- पाकिस्तानी वायुसेना की कमजोरियों को उजागर करना अमेरिका से भारत की अपेक्षा: दबाव पाकिस्तान पर हो
शशि थरूर ने अमेरिका को स्पष्ट संदेश दिया कि: “भारत को अमेरिका की चिंता समझ में आती है, लेकिन दबाव पाकिस्तान पर होना चाहिए।”
यह बयान अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की असमानता पर आधारित मध्यस्थता को अस्वीकार करने की नीति को दोहराता है।