
नई दिल्ली। 7 जून 2025, शब्दरंग समाचार:
G7 यानी ग्रुप ऑफ सेवन दुनिया की सात सबसे बड़ी विकसित अर्थव्यवस्थाओं का समूह है—अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और ब्रिटेन। इसकी शुरुआत 1975 में वैश्विक आर्थिक संकट के बीच आर्थिक नीतियों पर समन्वय के लिए की गई थी।
तेल संकट से शुरू हुआ था G7 का सफर
1970 के दशक में OPEC देशों द्वारा तेल आपूर्ति पर रोक के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था बुरी तरह हिल गई। अमेरिका ने पहली बार छह देशों को इकट्ठा कर बैठक बुलाई और 1976 में कनाडा के शामिल होने के बाद यह समूह G7 बना।
G7 के प्रमुख उद्देश्य
- वैश्विक आर्थिक नीतियों पर चर्चा
- जलवायु परिवर्तन से निपटना
- महामारी, शिक्षा और मानवाधिकार जैसे मुद्दों पर सहयोग
- वैश्विक आपात स्थितियों पर त्वरित प्रतिक्रिया
G7 की प्रमुख उपलब्धियां
- 1997 : यूक्रेन के चेर्नोबिल हादसे से निपटने के लिए \$300 मिलियन की सहायता
- 2002 : एड्स, टीबी और मलेरिया से लड़ने के लिए वैश्विक फंड का निर्माण
- 2015 : क्लाइमेट चेंज के लिए “ग्लोबल अपोलो प्रोग्राम” की शुरुआत
G7 क्यों रहा विवादों में?
G7 को कई बार “बंद समूह” और “असमान प्रतिनिधित्व” का मंच माना गया है। विशेषकर विकासशील देशों को इसमें निर्णय प्रक्रिया से बाहर रखने के लिए आलोचना होती रही है।
- 1985 का प्लाजा समझौता : डॉलर को कमजोर करने के लिए जी7 की चाल को वैश्विक स्तर पर विवादास्पद माना गया
- 2017-18 : ट्रंप की जलवायु नीति और रूस को शामिल करने की मांग से संगठन की एकता में दरार पड़ी
भारत को क्यों बार-बार G7 सम्मेलन में बुलाया जाता है?
भारत की आर्थिक ताकत
भारत अब विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसने इटली, फ्रांस और कनाडा को पीछे छोड़ दिया है। साथ ही रक्षा खर्च में भी भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है।
लोकतांत्रिक और वैश्विक जिम्मेदारियों वाला देश
भारत का लोकतांत्रिक मॉडल और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के प्रति सम्मान, G7 को आकर्षित करता है। यह चीन की तुलना में भारत को ज्यादा जिम्मेदार साझेदार के रूप में देखता है।
ग्लोबल साउथ की आवाज
भारत खुद को वैश्विक दक्षिण (Global South) के नेता के रूप में स्थापित कर रहा है। G7 में इसकी भागीदारी विकासशील देशों की आवाज को मजबूती देती है।
भारत की G7 सम्मेलन में भागीदारी का इतिहास
वर्ष | मेज़बान देश | भारतीय प्रतिनिधि |
---|---|---|
2003 | फ्रांस (G8) | अटल बिहारी वाजपेयी |
2005-2009 | विभिन्न | मनमोहन सिंह |
2019 | फ्रांस | नरेंद्र मोदी |
2023 | जापान | नरेंद्र मोदी |
2025 | कनाडा | आमंत्रित |
2025 का G7 सम्मेलन: क्यों है भारत की मौजूदगी ज़रूरी?
इस बार कनाडा द्वारा आयोजित G7 सम्मेलन में भारत को फिर से गेस्ट कंट्री के रूप में आमंत्रित किया गया है। मौजूदा वैश्विक संकटों (यूक्रेन युद्ध, क्लाइमेट चेंज, टेक्नोलॉजी नियमावली) में भारत की भूमिका अहम मानी जा रही है।