
नई दिल्ली, 5 जून 2025:बहुप्रतीक्षित जाति जनगणना की तारीख अब सामने आ चुकी है। सरकारी सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, जाति जनगणना दो चरणों में कराई जाएगी, जिसकी औपचारिक शुरुआत 1 अक्टूबर 2026 से होगी।🔹
पहले चरण की शुरुआत – 1 अक्टूबर 2026पहले चरण में चार पहाड़ी राज्यों — जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में जाति जनगणना कराई जाएगी। इन राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियों और मौसम को ध्यान में रखते हुए कार्य अक्टूबर में शुरू किया जाएगा।🔹
दूसरे चरण की शुरुआत – 1 मार्च 2027दूसरे चरण में भारत के शेष सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल होंगे। इनमें जाति जनगणना की प्रक्रिया 1 मार्च 2027 से शुरू की जाएगी। यानी मैदानी और बड़े राज्यों में मार्च 2027 से जातिगत आंकड़े एकत्र किए जाएंगे।—🔍
पृष्ठभूमि:भारत में जाति जनगणना का आखिरी समावेश 1931 की जनगणना में हुआ था। 1951 के बाद से जाति आधारित आंकड़ों को नियमित जनगणना में शामिल नहीं किया गया। वर्ष 2011 में सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) कराई गई थी, लेकिन उसके आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए।🛑
2021 जनगणना क्यों रुकी थी?
कोरोना महामारी के चलते 2021 की जनगणना, जो दो चरणों में होनी थी, स्थगित कर दी गई थी। उस योजना में पहला चरण अप्रैल-सितंबर 2020 और दूसरा फरवरी 2021 में प्रस्तावित था।—
जाति जनगणना क्यों ज़रूरी?
जाति जनगणना से सरकार को समाज की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति का पता चलता है, जिससे कल्याणकारी योजनाओं को बेहतर ढंग से तैयार किया जा सकता है। यह नीति निर्माण में सटीक और समावेशी दृष्टिकोण को सुनिश्चित करता है।-