
वॉशिंगटन। 01जुलाई 2025, शब्दरंग समाचार :
भारत और अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौते (Interim Trade Agreement) को लेकर चल रही वार्ता अब छठे दिन में प्रवेश कर चुकी है। वॉशिंगटन में जारी यह वार्ता अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है, जिसमें दोनों देश अपने-अपने हितों की सुरक्षा के लिए टैरिफ छूट की मांग कर रहे हैं।
भारत ने श्रम-प्रधान उत्पादों के लिए टैरिफ छूट की मांग की
भारत चाहता है कि उसके निम्नलिखित श्रम-प्रधान उत्पादों को अमेरिकी बाजार में बेहतर पहुंच और टैरिफ छूट दी जाए:
- वस्त्र और रेडीमेड गारमेंट्स
- रत्न और आभूषण
- चमड़े के उत्पाद
- इंजीनियरिंग वस्तुएं
- प्लास्टिक, रसायन, झींगा, तिलहन, अंगूर, केला आदि
भारत की तरफ से इस वार्ता का नेतृत्व वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल कर रहे हैं।
अमेरिका की मांग: कृषि और औद्योगिक उत्पादों में राहत
अमेरिका निम्नलिखित क्षेत्रों में टैरिफ में राहत चाहता है:
- कृषि उत्पाद : सेब, सूखे मेवे, आनुवंशिक फसलें
- डेयरी और मीट
- इलेक्ट्रिक वाहन और ऑटोमोबाइल
- शराब और पेट्रोकेमिकल्स
हालांकि भारत अब तक किसी भी देश को अपने डेयरी क्षेत्र में व्यापार की अनुमति नहीं देता, और इस मुद्दे पर उसका रुख बेहद सख्त है।
वार्ता में देरी, लेकिन उम्मीद बरकरार
- वार्ता 26 जून से शुरू हुई और अब तक जारी है
- अधिकारी पहले केवल 2 दिन के प्रवास पर थे, लेकिन अब प्रवास की अवधि बढ़ा दी गई है
- यह वार्ता इसलिए अहम है क्योंकि ट्रंप शासन के दौरान लगाए गए 26% अतिरिक्त टैरिफ की निलंबन अवधि 9 जुलाई को समाप्त हो रही है
यदि यह समझौता नहीं होता, तो भारतीय वस्तुओं पर दोबारा 26% टैरिफ लागू हो सकता है।
व्यापार लक्ष्य: 2030 तक 500 अरब डॉलर
दोनों देशों का उद्देश्य है कि:
- सितंबर–अक्टूबर 2025 तक अंतरिम समझौता अंतिम रूप ले
- 2030 तक भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार को 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर किया जाए
अब तक की वार्ता और व्यापार के आंकड़े
- अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल 5 जून से 11 जून तक भारत में था
- भारत का अमेरिका को माल निर्यात अप्रैल–मई 2025 में 21.78% बढ़कर 17.25 अरब डॉलर
- अमेरिका से भारत का आयात 25.8% बढ़कर 8.87 अरब डॉलर हो गया है
आने वाले हफ्तों में वार्ता ऑनलाइन और आमने-सामने, दोनों माध्यमों से जारी रहेगी।