
मॉस्को । 14 जुलाई 2025, शब्दरंग समाचार :
रूस की औद्योगिक और रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत से कुशल श्रमिकों का एक बड़ा समूह जल्द ही वहां भेजा जाएगा। रूस के प्रमुख व्यापार संगठन उरल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अनुसार, 2025 के अंत तक 10 लाख भारतीय कामगार रूस में विभिन्न फैक्ट्रियों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों में काम करेंगे।
क्यों आई रूस में कुशल श्रमिकों की कमी?
रूस में कुशल कामगारों की भारी कमी का मुख्य कारण:
- युवा पीढ़ी का फैक्ट्री वर्क में कम रुचि लेना
- यूक्रेन में जारी सैन्य अभियान के कारण स्थानीय कामगारों की तैनाती
- तेजी से बढ़ती औद्योगिक मांग, खासकर रक्षा क्षेत्र में
रूसी श्रम मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक लगभग 31 लाख कुशल कामगारों की कमी देखी जा सकती है।
किन क्षेत्रों में करेंगे भारतीय काम?
भारतीय श्रमिकों को रूस के स्वेर्दलोव्स्क जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में काम पर लगाया जाएगा।
यह क्षेत्र रूस का “हैवी इंडस्ट्रियल हब” माना जाता है। कुछ प्रमुख कंपनियां जहां भारतीय कामगार काम कर सकते हैं:
- Uralvagonzavod – T-90 टैंकों का निर्माण
- Uralmash – भारी मशीनरी और औद्योगिक उपकरण
- Za Rodinu – कालिनिनग्राद में स्थित मछली प्रसंस्करण फैक्ट्री
भारत से श्रमिक भेजने की तैयारी
इस योजना को लागू करने के लिए भारत का नया वाणिज्य दूतावास येकातेरिनबर्ग में खोला जा रहा है। यह दूतावास:
- श्रमिकों के दस्तावेज़ीकरण और वीजा प्रक्रिया को आसान बनाएगा
- कामगारों की ज़रूरत और कौशल के अनुसार उनका चयन करेगा
- रोजगार की कानूनी और मानवाधिकार सुरक्षा सुनिश्चित करेगा
भारत के लिए क्या हैं फायदे?
- रोजगार के नए अवसर भारतीय कुशल श्रमिकों को विदेश में अच्छे वेतन और सुविधाएं मिलेंगी।
- रोज़गार-प्रवासी नीति को बढ़ावा भारत की नई विदेश रोजगार नीति को वैश्विक स्तर पर मजबूती मिलेगी।
- रूस-भारत द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती यह पहल रणनीतिक साझेदारी को और गहरा बनाएगी।
रूस में 2025 के लिए विदेशी श्रमिक कोटा
वर्ष | विदेशी श्रमिक कोटा | भारत से अपेक्षित |
---|---|---|
2024 | 1.5 लाख | 2 लाख+ |
2025 | 2.3 लाख (प्रस्तावित) | 10 लाख तक |
रूस उत्तर कोरिया और श्रीलंका से भी श्रमिक बुलाने पर विचार कर रहा था, लेकिन भारत को प्राथमिकता दी जा रही है।
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