
शब्दरंग समाचार: महाराष्ट्र के पुणे जिले के मावल तालुका स्थित कुंडमला गांव में रविवार को एक बड़ा हादसा हो गया। इंद्रायणी नदी पर बना एक पुराना लोहे का पुल अचानक ढह गया, जिससे दो लोगों की मौत हो गई और कई पर्यटक घायल हो गए। यह हादसा उस समय हुआ जब रविवार होने के कारण बड़ी संख्या में पर्यटक कुंडमाला के इस इलाके में घूमने आए थे।अब तक क्या हुआ?हादसा रविवार दोपहर करीब 3:30 बजे हुआ।दो लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।कम से कम 32 लोग घायल हुए हैं, जिनमें 6 की हालत गंभीर बताई जा रही है।पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस के अनुसार 12 लोग सीधे तौर पर घायल हुए हैं, लेकिन अनुमान है कि 10-15 लोग अभी भी लापता हो सकते हैं।एनडीआरएफ़ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की टीम मौके पर पहुंच चुकी है और अब तक 38 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है।मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की प्रतिक्रियामुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हादसे को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया और मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर लिखा,> “कुछ लोग नदी में बह गए हैं, जिनकी खोज युद्धस्तर पर की जा रही है। एनडीआरएफ़ को मौके पर भेज दिया गया है और राहत कार्य तेज़ कर दिए गए हैं।”उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस घटना को “दर्दनाक” बताया और कहा कि> “यदि पुल के रखरखाव में लापरवाही सामने आती है, तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”हादसे के कारणों पर उठे सवालपुल की हालत जर्जर बताई जा रही है।स्थानीय निवासियों ने पहले भी इस पुल को लेकर नई संरचना की मांग की थी, जिसे नजरअंदाज़ कर दिया गया।कोई वैकल्पिक मार्ग या सड़क उपलब्ध नहीं थी, जिससे भीड़ का सारा दबाव इसी पुल पर रहा।विपक्ष की प्रतिक्रियाएनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने एक्स पर पोस्ट कर इस हादसे को बेहद दुखद बताया और सभी नागरिकों की सुरक्षा की कामना की।शिवसेना (यूबीटी) की नेता सुषमा अंधारे ने सरकार को इस हादसे का जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा:> “सरकार ने बार-बार चेतावनी के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की। मानसून से पहले सभी पुराने पुलों का ऑडिट होना जरूरी है।”पुलिस और प्रशासन का बयानपिंपरी-चिंचवड़ ज़ोन 2 के डीसीपी विशाल गायकवाड़ ने कहा कि> “यह एक पुराना लोहे का पुल था जो अचानक गिर गया। दो लोगों की जान गई है और कई घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।”क्या हो रहा है अब?राहत और बचाव कार्य जारी है।एनडीआरएफ़, फायर ब्रिगेड, स्थानीय पुलिस मौके पर मौजूद हैं।घायल नागरिकों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।—निष्कर्ष:यह हादसा न केवल प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण है, बल्कि राज्य के ढांचागत ढिलाई पर भी सवाल खड़े करता है। भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ज़रूरी है कि पुराने पुलों की नियमित जांच हो और आवश्यक मरम्मत कार्य मानसून से पहले पूरे कर लिए जाएं।