
शब्दरंग समाचार, 25 जुलाई 2025: भारत और ब्रिटेन ने छह अरब पाउंड की ऐतिहासिक फ़्री ट्रेड डील (Free Trade Agreement) पर सहमति जताई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर के नेतृत्व में हुई इस डील से दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते एक नए मुक़ाम पर पहुँचने की उम्मीद है।
भारत को क्या फायदा होगा?
कपड़ा, गहने और जूते होंगे टैक्स-फ्री
भारत से ब्रिटेन निर्यात होने वाले कपड़े, चमड़े के उत्पाद, हीरे और आभूषणों पर टैरिफ़ कम या समाप्त हो जाएगा, जिससे इन क्षेत्रों में निर्यात में इजाफ़ा और रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे।
झींगा, बासमती चावल, चाय और मसाले भी सस्ते
ब्रिटेन में भारतीय मसालों, झींगा, बासमती चावल और चाय पर आयात शुल्क घटेगा।
इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात को बढ़ावा
भारत की इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि उत्पाद, मेटल, और स्पोर्ट्स आइटम्स के लिए ब्रिटेन के बाज़ार खुलेंगे।
सर्विस सेक्टर को लाभ
आईटी, फ़ाइनेंस और शिक्षा क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों और पेशेवरों को ब्रिटेन में बेहतर अवसर मिलेंगे।
भारतीय श्रमिकों को 3 साल तक सामाजिक सुरक्षा भुगतानों से छूट मिलेगी, जिससे वहां काम करना किफायती होगा।
ब्रिटेन को क्या फायदा होगा?
कारें और व्हिस्की सस्ती होंगी
भारत में ब्रिटिश कारों और व्हिस्की पर लगने वाला टैरिफ 150% से घटकर 75% हो जाएगा। इससे ब्रिटेन की ऑटोमोबाइल और शराब कंपनियों को बड़ा बाज़ार मिलेगा।
भारत में व्यापार करना होगा आसान
औसतन 15% टैरिफ घटकर 3% होने की वजह से ब्रिटिश कंपनियों को भारत में व्यापार के बेहतर अवसर मिलेंगे।2,200 नई नौकरियाँप्रधानमंत्री स्टार्मर के मुताबिक़ डील से ब्रिटेन में करीब 2,200 नौकरियाँ पैदा होंगी।
वैश्विक असर और चुनौतियाँ
ब्रिटेन को चीन से मिल सकती है चुनौती
भारत के टैक्स-फ्री कपड़े और फुटवेयर, चीन के सस्ते उत्पादों को ब्रिटेन में कड़ी टक्कर देंगे।अमेरिका और वैश्विक ट्रेड वॉरट्रंप के संभावित लौटने से दुनिया में ट्रेड वॉर की आशंका के बीच यह डील भारत और ब्रिटेन को आर्थिक सुरक्षा देने वाली रणनीति मानी जा रही है।ब्रिटेन की संसद में अटक सकती है डीलडील पर ब्रिटेन की संसद की मंजूरी अब भी बाकी है। वहां कुछ विरोध भी देखने को मिल रहा है, इसलिए डील को लागू होने में कम से कम एक साल लग सकता है।
भारत और ब्रिटेन की यह डील दोनों देशों के लिए विन-विन सिचुएशन हो सकती है, बशर्ते इसे समय पर लागू किया जाए। जहां भारत को निर्यात, रोजगार और सर्विस सेक्टर में नए अवसर मिलेंगे, वहीं ब्रिटेन को बड़ा उपभोक्ता बाज़ार मिलेगा और आर्थिक पुनरुद्धार में मदद मिलेगी।