
धनतेरस का पर्व भारतीय परंपराओं में विशेष स्थान रखता है। यह दिन धन, समृद्धि और स्वास्थ्य के प्रतीक भगवान धन्वंतरि के पूजन का है, जो समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। धनतेरस का यह पवित्र पर्व दीपावली के उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है, जब हर घर में खुशियों की रोशनी बिखरती है। इस अवसर पर हम आप सभी को शब्दरंग परिवार की ओर से धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं।
धनतेरस का महत्व और परंपराएं
धनतेरस का अर्थ ही “धन” और “तेरस” से है, जो आशय देता है कि इस दिन लोग समृद्धि और वैभव के प्रतीक भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं और नए सामान की खरीदारी करते हैं। यह मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई वस्तुएं हमारे जीवन में सौभाग्य लाती हैं। इसलिए लोग सोना, चांदी, आभूषण, बर्तन और इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदने को शुभ मानते हैं।
आज के युग में यह पर्व न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। लोगों का विश्वास है कि इस दिन किए गए छोटे-छोटे अच्छे कार्य भी जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लेकर आते हैं।
क्यों मनाते हैं धनतेरस?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस के दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे, जो चिकित्सा विज्ञान और स्वास्थ्य के देवता माने जाते हैं। इसके चलते, इस दिन का विशेष महत्व स्वास्थ्य की दृष्टि से भी माना गया है। साथ ही यह दिन परिवार के साथ खुशियों के पलों को साझा करने और एक दूसरे की समृद्धि की कामना करने का अवसर भी देता है।
इस धनतेरस पर क्या करें खास?
- दीप जलाएं: घर के मुख्य द्वार पर दीप जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता का वास होता है।
- स्वास्थ्य की कामना: धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करें। यह परिवार में स्वास्थ्य और सुख-शांति लाने का एक सरल और सुंदर तरीका है।
- नए सामान की खरीदारी: नए बर्तन, सोना, चांदी या घरेलू आवश्यकताओं की चीज़ें खरीदें, जिससे आपके घर में समृद्धि बनी रहे।
- दान और सेवा: इस दिन ज़रूरतमंदों की मदद करना और उन्हें दान देना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
शब्दरंग की ओर से शुभकामनाएं
इस पावन अवसर पर शब्दरंग परिवार अपने सभी पाठकों को यही कामना करता है कि यह धनतेरस आपके जीवन में अपार खुशियाँ, समृद्धि और स्वास्थ्य लेकर आए। हमारे जीवन में हर दिन के उजाले और खुशियाँ बनी रहें।
धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं!