
प्रयागराज। 13 मई 2025, शब्दरंग समाचार:
उत्तर प्रदेश में 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती को लेकर EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) आरक्षण पर हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने साफ किया कि इस भर्ती प्रक्रिया में EWS आरक्षण लागू नहीं होगा और पहले से नियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति बनी रहेगी।
कोर्ट ने क्या कहा?
इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा: ” सरकार को ईडब्ल्यूएस आरक्षण देना चाहिए था, लेकिन अब सभी पदों पर नियुक्ति हो चुकी है। चयनित शिक्षक वर्षों से सेवा में हैं, ऐसे में उन्हें हटाना व्यावहारिक नहीं होगा। इसके अलावा, याचियों ने चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति को सीधे चुनौती भी नहीं दी थी।”
किसने दायर की थी याचिका?
याचिका शिवम पांडेय व अन्य की ओर से दायर की गई थी, जो पहले एकल पीठ द्वारा खारिज की गई थी। इसके खिलाफ अपील में याचियों ने खंडपीठ का रुख किया था।
कब हुआ था EWS आरक्षण लागू?
103वां संविधान संशोधन: 12 जनवरी 2019 को पारित
राज्य शासनादेश: 18 फरवरी 2019 को जारी
विज्ञापन तिथि: 17 मई 2020
हालांकि, राज्य सरकार ने यह तर्क दिया कि भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत 1 दिसंबर 2018 को हो गई थी, जब परीक्षा का शासनादेश जारी हुआ था। इसलिए यह प्रक्रिया EWS आरक्षण लागू होने से पहले शुरू मानी जाएगी।
अदालत की अंतिम टिप्पणी
कोर्ट ने कहा: “विज्ञापन की तिथि को ही भर्ती प्रक्रिया की वैध शुरुआत माना जाएगा। ऐसे में नियुक्ति को रद्द कर नई सूची बनाना न केवल अनुचित बल्कि न्याय के विरुद्ध होगा।”
अगला कदम क्या होगा?
याचियों के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी ने कहा कि वे इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।