शब्दरंग समाचार। पढ़ने लिखने की उम्र थी लड़की की। यूं बाबाओं के साथ अखाड़ों में भटकने की नहीं। ये दुनिया उतनी सरल नहीं है जितनी दिखती है ।इस मामले ने तूल तब पकड़ा जब एक 13 साल की लड़की का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उसने कहा कि वह आईएएस बनना चाहती थी, लेकिन गुरु कौशल गिरी के प्रभाव में उसे माता पिता द्वारा अखाड़े में शामिल कर दिया गया। मामले के बढ़ने पर अखाड़े की आमसभा की बैठक हुई, जिसमें निर्णय लिया गया कि अब 22 वर्ष से कम आयु की महिलाओं को संन्यास दीक्षा नहीं दी जाएगी। लड़की को तत्काल उसके माता-पिता को सौंपने और गुरु-शिष्य दोनों को अखाड़े से निष्कासित कर, महाकुंभ मेला से बाहर जाने के निर्देश दिए गए।यही उचित निर्णय है।
महाकुंभ २०२५
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