
शब्दरंग साहित्य: रंग संस्कार थियेटर ग्रुप द्वारा आयोजित अलवर रंगम 2024 के अंतर्गत 26 मार्च को महावर ऑडिटोरियम में “अरे शरीफ लोग” नाटक का मंचन हुआ। जयवंत दलवी द्वारा लिखित और सुनील चौहान के निर्देशन में प्रस्तुत यह नाटक हास्य और व्यंग्य का बेहतरीन संगम रहा, जिसने दर्शकों को खूब गुदगुदाया।
नाटक का कथानक:नाटक की कहानी मुंबई की एक चॉल में रहने वाले चार परिवारों के इर्द-गिर्द घूमती है। सामान्य जीवन जी रहे इन परिवारों में हलचल तब मचती है, जब चॉल में एक खूबसूरत और छैल-छबीली किराएदार चंदा का आगमन होता है। उसकी एक झलक पाने के लिए चॉल के पुरुष किरदार तरह-तरह के पैंतरे आज़माने लगते हैं। उनकी ये हरकतें उनकी पत्नियों की नज़रों में आने पर हास्यपूर्ण स्थितियाँ पैदा होती हैं। इस पूरे ड्रामे में चॉल का शरारती किरदार गोपी आग में घी डालने का काम करता है, जिससे नाटक में हँसी के ठहाके और तेज़ हो जाते हैं।
सभी कलाकारों ने अपने किरदारों को जीवंत बना दिया। चॉल के किरदारों की संवाद अदायगी और भाव-भंगिमाएँ दर्शकों को खूब भायीं। मंच पर कलाकारों की कॉमिक टाइमिंग और उनके सहज अभिनय ने नाटक को प्रभावशाली बनाया।
दर्शकों की प्रतिक्रिया:नाटक के दौरान दर्शकों ने हँसी और तालियों से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। हास्य के साथ-साथ सामाजिक संदेश भी छुपा था कि किस तरह मोहकता की मृगतृष्णा कभी-कभी जीवन को उलझा देती है।
अलवर रंगमंच 2024-25 का समापन विश्व रंगमंच दिवस 27 मार्च 2025 को “जीना इसी का नाम है” नाटक के साथ होगा। इस नाटक में फिल्म अभिनेता राजेन्द्र गुप्ता व हिमानी शिवपुरी अभिनय करेंगी नाटक का निर्देशन सुरेश भारद्वाज ने किया है।