
नई दिल्ली, शब्दरंग समाचार: दिल्ली सरकार ने राजधानी को औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने की योजना को तेज़ी से आगे बढ़ाने का फैसला किया है। मंगलवार को पेश किए गए बजट में इस दिशा में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली अपनी औद्योगिक पहचान खोती जा रही थी, जिसे दोबारा स्थापित किया जाएगा। इसके लिए सरकार नई औद्योगिक नीति और वेयरहाउस नीति लागू करने जा रही है।
व्यापारी कल्याण बोर्ड का गठन
दिल्ली में व्यापारियों और उद्यमियों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार व्यापारी कल्याण बोर्ड का गठन करेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि बजट तैयार करने से पहले व्यापारिक संगठनों और उद्योगपतियों के सुझाव लिए गए थे, जिन्हें बजट में शामिल किया गया है।
सिंगल विंडो सिस्टम से आसान होगा व्यापार
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लाया जाएगा। इस सिस्टम के तहत कारोबार से जुड़ी सभी सरकारी मंज़ूरियां एक ही स्थान पर मिल सकेंगी, जिससे प्रक्रिया तेज़ और सरल होगी।
उद्योगों की जमीनें होंगी फ्री होल्ड
दिल्ली के उद्यमियों की एक पुरानी मांग को पूरा करते हुए सरकार ने लीज पर दी गई औद्योगिक जमीनों को फ्री होल्ड करने की घोषणा की है। इस बदलाव से उद्योगों को अधिक स्वतंत्रता और सुरक्षा मिलेगी।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन
दिल्ली सरकार व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित करेगी। इस आयोजन के लिए सरकार ने बजट में 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। यह समिट हर दो साल में आयोजित की जाएगी, ताकि देश-विदेश के उद्योगपति दिल्ली में निवेश के लिए आकर्षित हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आईटी, बैंकिंग, सर्विस, डेटा और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर की बड़ी कंपनियों को दिल्ली में व्यापार स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। सरकार इन योजनाओं को जल्द ही लागू करेगी, जिससे दिल्ली औद्योगिक विकास के नए दौर में प्रवेश कर सके।