
मुंबई, शब्दरंग समाचार: भारतीय शेयर बाजार ने बीते चार कारोबारी सत्रों में जबरदस्त तेजी दिखाई है। सेंसेक्स 4,706 अंक चढ़ गया, जबकि निफ्टी में 6.5% की छलांग देखी गई। इस रैली ने बाजार में निवेशकों का मनोबल बढ़ा दिया है। विदेशी निवेशकों (FIIs) की वापसी, मजबूत घरेलू संकेत और सकारात्मक वैश्विक माहौल ने इस तेजी को मजबूती दी है।
बाजार की तेजी: रिकवरी से रैली तक
शुरुआत में यह रफ्तार बाजार में सुधार के रूप में देखी जा रही थी, लेकिन अब इसे विशेषज्ञ एक बुलिश ब्रेकआउट मान रहे हैं। LKP सिक्योरिटीज़ के रुपक दे ने इसे ‘Fast & Furious’ मूव बताया है। उनका मानना है कि निफ्टी ने तेजी से दो बड़े स्विंग हाई लेवल्स पार कर लिए हैं और जब तक यह 23,300 के ऊपर बना रहता है, इसमें 24,100 से लेकर 24,550 तक की तेजी देखी जा सकती है।
उन्होंने निवेशकों को “Buy on Dips” की रणनीति अपनाने की सलाह दी है, यानी गिरावट के दौरान खरीदारी करें, क्योंकि बाजार की गति फिलहाल मजबूत बनी हुई है।
टेक्निकल और मैक्रो इंडिकेटर्स कर रहे हैं समर्थन
टेक्निकल एनालिसिस के लिहाज़ से बाजार ने 20-Day और 50-Day मूविंग एवरेज को पार कर लिया है और वीकली चार्ट्स पर लगातार बुलिश कैंडल्स बन रही हैं। एक्सपर्ट्स इसे ‘बुलिश ब्रेकअवे गैप’ के रूप में देख रहे हैं।
मार्केट एक्सपर्ट संदीप सभरवाल के अनुसार, भारत की मैक्रोइकोनॉमिक स्थिति इस तेजी को और मजबूती दे रही है — महंगाई में गिरावट, बढ़ता सरकारी खर्च, और टैक्स सुधारों से लोगों की जेब में ज्यादा पैसा आ रहा है। उन्होंने कहा कि बाजार अब उस ‘नेगेटिविटी’ से उबर चुका है, जो पिछले महीनों में देखी गई थी।
FIIs की वापसी से मिली मजबूती
महज तीन कारोबारी दिनों में FIIs ने ₹15,000 करोड़ से अधिक की खरीदारी की है। इससे पहले वे लगातार नौ दिन तक बिकवाली कर रहे थे। भारतीय रुपया भी डॉलर के मुकाबले मजबूत होकर 85.37 तक पहुंच गया है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के विनोद नायर के मुताबिक, अमेरिका द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स पर टैरिफ में राहत, सामान्य मॉनसून की उम्मीद, और कुछ बैंकों द्वारा डिपॉजिट रेट में कटौती – इन सभी कारणों ने मिलकर बाजार को सकारात्मक दिशा दी है। उनका सुझाव है कि निवेशक एक्सपोर्ट-आधारित कंपनियों से दूरी बनाएं और डोमेस्टिक सेक्टर (जैसे बैंकिंग, FMCG, हेल्थकेयर, ट्रांसपोर्ट और इन्फ्रास्ट्रक्चर) में ध्यान दें।
अभी भी बाकी है संभावनाओं की उड़ान
सैगल कैपिटल के अंशुल सैगल के मुताबिक, भारतीय बाजार की तेजी अभी खत्म नहीं हुई है। उनके अनुसार, भारत को US-China ट्रेड वॉर से भी लाभ मिल सकता है, जिससे देश की पोजिशनिंग और मजबूत हो रही है। उनका मानना है कि कई स्टॉक्स अभी भी वैल्यू जोन में हैं और अगले 1-2 वर्षों में बेहतरीन रिटर्न दे सकते हैं।
सावधानी जरूरी, बाजार ओवरबॉट जोन में
हालांकि एक्सपर्ट मान रहे हैं कि बाजार की दिशा सकारात्मक है, फिर भी वे चेतावनी दे रहे हैं कि बाजार ओवरबॉट ज़ोन में प्रवेश कर चुका है। यानी, कुछ हद तक मुनाफावसूली या करेक्शन की संभावना भी बनी हुई है।
रफ्तार बरकरार, लेकिन सोच-समझकर करें निवेश
भारतीय शेयर बाजार फिलहाल एक मजबूत बुलिश ट्रेंड में है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि यह हर दिन एकतरफा ऊपर ही जाए। निवेशकों को मौजूदा माहौल में उत्साह के साथ-साथ सतर्कता भी बरतनी होगी।
सही सेक्टर और सही समय पर निवेश करने वाले निवेशकों के लिए यह तेजी फायदे का सौदा साबित हो सकती है।