
नई दिल्ली । 10 मई 2025,शब्दरंग समाचार:
भारत और पाकिस्तान के बीच घोषित संघर्ष विराम के कुछ ही घंटों के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली स्थित अपने आवास पर एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक बुलाई। इस बैठक का उद्देश्य मौजूदा स्थिति की समीक्षा और आगे की रणनीति तय करना था।
बैठक में कौन-कौन हुआ शामिल ?
इस महत्वपूर्ण बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) और तीनों सेनाओं—थल सेना, वायु सेना तथा नौसेना—के प्रमुख शामिल हुए।
बैठक के एजेंडा में क्या रहा मुख्य?
बैठक के दौरान संघर्ष विराम की विश्वसनीयता और उसकी निगरानी पर गंभीर चर्चा की गई। इसके साथ ही पाकिस्तान की संभावित भविष्य की चालों का आकलन करने पर भी जोर दिया गया। भारत की सीमा सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाने की आवश्यकता पर विचार किया गया, वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिल रही कूटनीतिक प्रतिक्रियाओं की भी समीक्षा की गई। इसके अतिरिक्त, आतंकी नेटवर्क्स पर लगातार निगरानी बनाए रखने की रणनीति पर भी विस्तार से चर्चा हुई।
भारत का रुख स्पष्ट: आतंकवाद पर नहीं होगा समझौता
बैठक के बाद सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत किसी भी सूरत में आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। संघर्ष विराम का मतलब यह नहीं कि भारत अपनी सुरक्षा नीति में कोई ढील देगा।
राजनीतिक और कूटनीतिक संकेत
इस बैठक से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि भारत ने संघर्ष विराम को केवल एक रणनीतिक विराम के रूप में लिया है, न कि पाकिस्तान पर विश्वास की मुहर के रूप में। भारत की नजरें पाकिस्तान की हर हरकत पर रहेंगी।