
जम्मू-कश्मीर।15 मई 2025, शब्दरंग समाचार:
भारत द्वारा आतंकवाद और पाकिस्तान समर्थित आतंकी ठिकानों पर की गई कड़ी कार्रवाई – ऑपरेशन सिंदूर – के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया। इस दौरे के दौरान उन्होंने स्थिति की समीक्षा की और जवानों का मनोबल बढ़ाया।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
ऑपरेशन सिंदूर भारत द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और सीमावर्ती इलाकों में आतंकवादी अड्डों पर की गई अब तक की सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई है। इसमें भारतीय सेना ने आतंकवादियों के साथ-साथ उन पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को भी तबाह किया जो भारत पर हमले को समर्थन दे रहे थे।
राजनाथ सिंह का बड़ा बयान: “हमने उनकी छाती पर घाव किया है”
श्रीनगर में जवानों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा:
“उन्होंने भारत के माथे पर वार किया और हमने उनकी छाती पर घाव किया है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा, “हम सिर्फ रक्षा नहीं करते, ज़रूरत पड़ने पर कठोर कार्रवाई भी करते हैं।”
पाकिस्तानी सेना के हथियारों का निरीक्षण
राजनाथ सिंह ने श्रीनगर की बादामी बाग छावनी में उन पाकिस्तानी हथियारों और गोले का निरीक्षण किया, जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बरामद हुए थे। उन्होंने कहा कि भारत अब सहन नहीं करेगा, और जो हमला करेगा, उसे जवाब मिलेगा।
“धर्म देखकर नहीं, कर्म देखकर मारा है”
रक्षा मंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले का ज़िक्र करते हुए कहा कि:
“पाकिस्तान ने धर्म देखकर मारा, और हमने कर्म देखकर।”
यह बयान भारत की नीति की स्पष्टता दर्शाता है – आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस।
IAEA से की पाकिस्तान के एटमी हथियारों की जांच की मांग
राजनाथ सिंह ने वैश्विक मंच से सवाल उठाया:
“क्या पाकिस्तान जैसे गैर-जिम्मेदार राष्ट्र के हाथों में एटमी हथियार सुरक्षित हैं?”
उन्होंने IAEA (अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) से इन हथियारों पर निगरानी रखने की अपील की।
पाकिस्तान की हालत पर तंज: “जहां खड़ा होता है, वहीं से मांगने वालों की लाइन शुरू होती है”
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पर कटाक्ष करते हुए कहा:
“हम IMF को फंड देते हैं, और पाकिस्तान उनसे कर्ज़ मांगता है।”
यह भारत और पाकिस्तान के बीच की आर्थिक और कूटनीतिक स्थिति का अंतर दर्शाता है।
“जोश भी रखा, होश भी रखा” – सैनिकों की तारीफ
राजनाथ सिंह ने भारतीय जवानों की बहादुरी की सराहना करते हुए कहा:
“आपने दुश्मन के बंकरों को ध्वस्त किया, लेकिन सूझबूझ के साथ। जोश और होश दोनों को संतुलित रखा।”