
नई दिल्ली।22 मई 2025, शब्दरंग समाचार:
कोरोना वायरस का नया रूप JN.1 ओमिक्रॉन का ही एक उप-संस्करण है, जो पहले से मौजूद BA.2.86 (पिरोला) वैरिएंट से निकला है। यह पहली बार 2023 के अंत में सामने आया और अब अमेरिका, भारत, यूके, सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों में फैल रहा है।
इस वैरिएंट में स्पाइक प्रोटीन में बदलाव हुआ है, जो इसे इंसानी कोशिकाओं से ज्यादा तेज़ी से चिपकने और संक्रमण फैलाने में सक्षम बनाता है।
कितना खतरनाक है JN.1?
हालांकि गंभीर बीमारी का खतरा कम है, फिर भी JN.1 की सबसे बड़ी चिंता इसकी तेजी से फैलने की क्षमता है।
ज़्यादातर मरीजों में हल्के से मध्यम लक्षण देखे गए हैं।
अस्पताल में भर्ती होने के मामलों में फिलहाल ज्यादा इजाफा नहीं हुआ है।
लेकिन बुजुर्ग, पहले से बीमार या कमज़ोर इम्युनिटी वालों को सतर्क रहना जरूरी है।
कोरोना वायरस JN.1 वैरिएंट के लक्षण
JN.1 के लक्षण पहले के ओमिक्रॉन स्ट्रेन से काफी मिलते-जुलते हैं, लेकिन इनमें कुछ अलग संकेत भी शामिल हैं:
सामान्य लक्षण:
सूखी खांसी
बहती या बंद नाक
गले में खराश
हल्का बुखार
सिरदर्द
थकावट
स्वाद और गंध का चले जाना (कुछ मामलों में)
डायरिया (दस्त) – यह नया लक्षण JN.1 के साथ ज्यादा देखा गया है
कैसे करें JN.1 से बचाव?
इस वैरिएंट से बचने के लिए नीचे दिए गए सावधानीपूर्ण उपाय जरूर अपनाएं:
भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें
खांसते-छींकते समय मुंह और नाक ढकें
हाथों को अक्सर धोएं या सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें
बीमार महसूस होने पर घर पर रहें, डॉक्टर से परामर्श लें
घबराएं नहीं, सतर्क रहें
JN.1 वैरिएंट फिलहाल गंभीर खतरा नहीं है, लेकिन इसकी तेज़ी से फैलने की क्षमता इसे चिंताजनक बनाती है। सही जानकारी, सावधानी और समय पर डॉक्टर की सलाह से इस वायरस से सुरक्षित रहा जा सकता है।