
नई दिल्ली । 14 जून 2025, शब्दरंग समाचार:
अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 12 जून को टेक ऑफ के कुछ समय बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस दर्दनाक हादसे में विमान में सवार 242 में से 241 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा, जमीन पर मौजूद 24 लोग भी इसकी चपेट में आ गए।
हादसे के बाद नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि भारत में मौजूद बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों की गहन तकनीकी जांच का आदेश दिया गया है।
डीजीसीए को जांच का जिम्मा
नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने आदेश जारी कर दिए हैं कि भारतीय बेड़े में शामिल सभी 34 बोइंग 787 विमानों की विस्तृत जांच की जाए। अभी तक 8 विमानों की जांच पूरी हो चुकी है, जबकि शेष 26 विमानों की जांच प्रक्रिया शुरू है।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि सुरक्षा के मानकों में किसी भी तरह की छूट नहीं दी जाएगी। जब तक हादसे की जांच पूरी नहीं होती, हर जरूरी एहतियात बरती जाएगी।
ब्लैक बॉक्स से मिलेगी असली वजह
13 जून की शाम, जांच एजेंसियों को ब्लैक बॉक्स बरामद हुआ। नागरिक उड्डयन मंत्री के मुताबिक, एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) इसकी गहन जांच कर रहा है।
ब्लैक बॉक्स से यह पता चलेगा कि हादसे से ठीक पहले विमान के अंदर तकनीकी गड़बड़ी क्या थी और पायलट या सिस्टम ने क्या प्रतिक्रिया दी।
उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन
भारत सरकार ने हादसे के कारणों की तह तक जाने के लिए एक उच्च स्तरीय बहु-विषयक समिति गठित की है। यह समिति इस बात की भी पड़ताल करेगी कि क्या किसी स्तर पर लापरवाही या तकनीकी चूक हुई थी।
डीएनए जांच के जरिए शवों की पहचान
मंत्री राम मोहन नायडू ने बताया कि सभी मृतकों के शवों की पहचान डीएनए जांच से की जा रही है ताकि उन्हें सही परिवारों को सौंपा जा सके। एयर इंडिया और गुजरात सरकार को सभी पीड़ित परिवारों की मदद के निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री का व्यक्तिगत अनुभव
नायडू ने हादसे पर भावुक होते हुए कहा कि वह इस दर्द को समझ सकते हैं क्योंकि उन्होंने अपने पिता को एक सड़क हादसे में खोया था। उन्होंने कहा, “यह हादसा सिर्फ तकनीकी या प्रशासनिक नहीं, बल्कि भावनात्मक रूप से भी चुनौतीपूर्ण है।”