
जिनेवा । 18 जून 2025, शब्दरंग समाचार:
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में भारत ने बुधवार को पाकिस्तान के झूठे आरोपों और आतंक समर्थन को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी। भारतीय प्रतिनिधि क्षितिज त्यागी ने कहा कि जब कोई देश आतंकियों को शरण देता है और निर्दोषों की हत्या कराता है, तो जवाबी कार्रवाई करना भारत का अधिकार नहीं, बल्कि कर्तव्य बन जाता है।
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सफाई और समर्थन
पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर झूठी बातें फैलाने की कोशिश की, जिसे भारत ने सिरे से खारिज किया।
क्षितिज त्यागी ने कहा: “जब कोई देश निर्दोषों के नरसंहार में लिप्त आतंकियों को शरण देता है, तब जवाब देना एक जिम्मेदारी है, न कि कोई विकल्प।”
भारत ने 7 मई को यह ऑपरेशन पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्रों में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर शुरू किया था। 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी थी।
पाकिस्तान पर गंभीर आरोप: ओसामा और आतंकियों को संरक्षण
भारत ने पाकिस्तान को आतंक का प्रायोजक देश बताते हुए कई उदाहरण रखे:
- ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तानी सेना की छावनी में शरण देना
- अंतरराष्ट्रीय आतंकियों को राजकीय सम्मान के साथ दफनाना
- खुद को पीड़ित दिखाकर असल में जिहादी केंद्र बन जाना
सिंधु जल संधि पर सवाल और पुनर्विचार
भारत ने पाकिस्तान द्वारा 1960 की सिंधु जल संधि का दुरुपयोग करने पर भी आपत्ति जताई।
भारत का कहना है कि: “जब कोई देश किसी समझौते की नींव को तोड़ देता है, तो उसे उस समझौते की सुरक्षा की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए।”
भारत ने अप्रैल में हुए आतंकवादी हमले के बाद इस संधि को आंशिक रूप से निलंबित करने का फैसला लिया था।
जलवायु, सुरक्षा और ऊर्जा जरूरतों से जुड़ी चिंता
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि:
- जलवायु परिवर्तन
- स्वच्छ ऊर्जा की आवश्यकता
- और आतंक समर्थन जैसे कारण अब इस संधि की पुनर्रचना की मांग करते हैं।
यह सिर्फ भारत की सुरक्षा नहीं, बल्कि वैश्विक स्थायित्व और शांति की दृष्टि से भी ज़रूरी है।