
बंगलूरू । 19 जून 2025, शब्दरंग समाचार:
कर्नाटक सरकार ने राज्य की विभिन्न आवास योजनाओं के तहत अल्पसंख्यक समुदायों के लिए आरक्षण को 10% से बढ़ाकर 15% करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय हाल ही में हुई मंत्रिमंडल बैठक में लिया गया, जिसकी जानकारी राज्य के कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एचके पाटिल ने दी।
किन समुदायों को होगा लाभ?
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि इस बढ़े हुए कोटे का लाभ मुसलमान,ईसाई, जैन और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों को मिलेगा। इससे शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लागू की जा रही आवासीय योजनाओं के अंतर्गत बेघर अल्पसंख्यकों को राहत मिलने की उम्मीद है।
बढ़े हुए आरक्षण का आधार क्या है?
एचके पाटिल ने बताया कि यह निर्णय कई तथ्यों और केंद्रीय निर्देशों को ध्यान में रखकर लिया गया है:
- सच्चर समिति की रिपोर्ट के अनुशंसानुसार
- केंद्र सरकार के निर्देश
- राज्य में अल्पसंख्यकों में बेघरों की अधिक संख्या
- SC/ST और अन्य वर्गों में भी बेघरों की रिपोर्ट के आधार पर तुलना
वैज्ञानिक आधार पर फैसला
मंत्री ने कहा कि यह फैसला सांख्यिकीय आंकड़ों और सामाजिक न्याय के दृष्टिकोण से लिया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार के पास सभी वर्गों में बेघरों की संख्या की जानकारी है और उसी के आधार पर यह आरक्षण प्रतिशत तय किया गया है।
भाजपा ने फैसले का किया विरोध
भाजपा और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने इस निर्णय का विरोध करते हुए कहा कि “यह फैसला संविधान के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने धर्म आधारित आरक्षण को खारिज कर दिया है। इससे ओबीसी, एसटी और सामान्य वर्ग के गरीबों का नुकसान होगा।”
उन्होंने आरोप लगाया कि यह तुष्टिकरण की राजनीति है और कहा कि भाजपा इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल करेगी।