
नई दिल्ली । 23 जून 2025, शब्दरंग समाचार:
सोमवार को नवा रायपुर (छत्तीसगढ़) में पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा बलों — कोबरा टीम, DRG, BSF, पुलिस — के साथ संवाद किया। उन्होंने इन्हें थपथपाकर उनके पराक्रम और समर्पण की सार्वजनिक सराहना की।
“जवान जो तय करते हैं, वो हासिल करते हैं”: जीत का आत्मविश्वास
शाह ने कहा, “माओवादियों के अड्डे तहस-नहस हो रहे हैं। हमारे जवान जो तय करते हैं, वो हासिल करते हैं।” उन्होंने मार्च 2026 में नक्सलवादमुक्त भारत का संकल्प जताया।
बंदूक से पेंसिल तक: आदिवासी बच्चों का भविष्य उज्जवल
“नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चे जब बंदूक के बजाय पेंसिल पकड़ेंगे, तो न सिर्फ क्षेत्र, बल्कि पूरे देश का भविष्य संवरता है,”
शाह ने कहा कि विकास योजनाओं — शिक्षा, स्वास्थ्य, घर, बिजली, पानी — के जरिये जीवनस्तर बेहतर किया जा रहा है।
तीन दशक का खौफनाक आंकड़ा: 40 हजार से अधिक मौतें
नक्सलवाद 35 वर्षों में आदिवासी और ग्रामीण गरीबों के लिए त्रासदी साबित हुआ — लगभग 40 हजार लोग मारे गए या अपाहिज हुए। विकास बाधित हुआ। शाह ने इसे “लाल आतंक” करार दिया।
पुस्तक लोकार्पण: ‘लियोर ओयना’ ने खोली नक्सल हिंसा की हकीकत
नवा रायपुर में अमित शाह ने ‘लियोर ओयना’ पुस्तक का लोकार्पण किया। यह गांवों में नक्सलियों द्वारा की गई निर्दोष आदिवासियों की हत्याओं का ऐतिहासिक दायित्व दर्शाती है। पुस्तक का मकसद है दोषियों के पाखंड को उजागर करना।
उच्चस्तरीय बैठक: सुरक्षा बलों और सरकारी अधिकारियों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में शामिल थे:
- छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, केंद्रीय गृह सचिव, आईबी निदेशक, डीजी BSF, पुलिस और बॉर्डर रक्षक बल के स्थानीय अधिकारी।
नक्सल उन्मूलन से होगा आदिवासी विकास का मार्ग प्रशस्त
शाह का सपना है —
- “31 मार्च 2026 तक नक्सलवादमुक्त भारत”
- नक्सल मुक्त क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, घर, शौचालय व जल की सुविधा
- आदिवासियों में आत्मनिर्भरता और देशभक्ति का उदय