
नई दिल्ली । 24 जून 2025, शब्दरंग समाचार:
12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया फ्लाइट के हादसे के बाद पूरे देश में विमान सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। इस हादसे में कुल 270 लोगों की जान गई, जिनमें 241 यात्री, क्रू और हॉस्टल के 29 लोग शामिल थे।
अब सुप्रीम कोर्ट में एयर इंडिया के बोइंग विमानों की उड़ानों पर अस्थायी रोक लगाने और व्यापक सुरक्षा ऑडिट की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई है।
याचिकाकर्ता की प्रमुख मांगें
यह याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता अजय बंसल द्वारा दाखिल की गई है। इसमें निम्नलिखित मांगें शामिल हैं:
- सभी बोइंग विमानों की उड़ानों पर रोक जब तक कि उनका दो हफ्तों के भीतर सुरक्षा ऑडिट न हो जाए।
- सभी ऑपरेशनल विमानों की वैज्ञानिक और तकनीकी जांच अनिवार्य की जाए।
- जिन विमानों में बुनियादी खामियां पाई जाएं, उन्हें उड़ान से रोका जाए और केवल प्रमाण के बाद ही संचालन हो।
किसे बनाया गया पक्षकार?
याचिका में केंद्र सरकार, नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA), एअर इंडिया लिमिटेड, और विमानन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) को पक्षकार बनाया गया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह मामला सीधे तौर पर संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) का उल्लंघन है।
हादसे की पृष्ठभूमि: एअर इंडिया फ्लाइट AI-171
- तारीख: 12 जून 2025
- फ्लाइट: एअर इंडिया AI-171
- गंतव्य: अहमदाबाद से लंदन गैटविक
- घटना: टेकऑफ के तुरंत बाद विमान एक हॉस्टल की इमारत से टकराया
- मृतक: 241 यात्री व क्रू, 29 हॉस्टल निवासी – कुल 270
यह भारत के विमानन इतिहास का एक सबसे भीषण हादसा बन गया।
याचिकाकर्ता का निजी अनुभव भी याचिका में शामिल
अजय बंसल ने अपनी हाल की यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि 20 मई 2025 को दिल्ली से शिकागो (AI-127) की फ्लाइट में:
- बिजनेस क्लास की सीटें ठीक से काम नहीं कर रही थीं
- इन-फ्लाइट एंटरटेनमेंट सिस्टम खराब था
- एयर कंडीशनिंग उड़ान के काफी देर बाद चालू हुआ
यह अनुभव बताता है कि तकनीकी लापरवाही आम हो चुकी है।
DGCA से व्यापक ऑडिट की मांग
याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि DGCA को निर्देशित किया जाए कि:
- एयर इंडिया और अन्य विमान कंपनियों के बेड़े का औचक ऑडिट करें
- रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए
- जिन विमानों में खामियां पाई जाएं, उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई हो