
ढाका । 27 जून 2025, शब्दरंग समाचार:
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 2014, 2018 और 2024 के आम चुनावों में कथित चुनावी गड़बड़ियों, प्रशासनिक हस्तक्षेप और भ्रष्टाचार की जांच के लिए एक पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है।
इस कदम को बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा और संवेदनशील फैसला माना जा रहा है, जिससे प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
समिति की संरचना और उद्देश्य
सरकारी अधिसूचना के मुताबिक, इस समिति की अध्यक्षता पूर्व हाई कोर्ट जज शमीम हसनैन कर रहे हैं।
समिति का मुख्य उद्देश्य:
- पिछले तीन आम चुनावों की निष्पक्षता और वैधता की जांच
- लोकतंत्र और मानवाधिकारों पर चुनावों के प्रभाव का मूल्यांकन
- प्रशासन, पुलिस और खुफिया एजेंसियों की भूमिका की समीक्षा
- भविष्य के लिए चुनाव सुधारों की सिफारिश
समिति को 30 सितंबर 2025 तक अपनी रिपोर्ट जमा करनी है।
किन-किन पहलुओं की होगी जांच?
चुनावी प्रक्रिया और निष्पक्षता का मूल्यांकन
- क्या चुनाव अवामी लीग के पक्ष में जानबूझकर प्रभावित किए गए?
- क्या वोटिंग प्रक्रिया पारदर्शी थी?
- क्या आम जनता का वोट देने का अधिकार छिना गया?
प्रशासन और संस्थानों की भूमिका
- चुनाव आयोग, उसका सचिवालय, पुलिस और खुफिया एजेंसियों की भूमिका
- क्या सरकारी संस्थानों ने किसी पार्टी को फायदा पहुंचाया?
वित्तीय अनियमितताओं की जांच
- क्या चुनाव में कोई आर्थिक गड़बड़ी हुई?
- दोषियों की पहचान और उत्तरदायित्व तय किया जाएगा
अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक और सिविल सोसायटी की भूमिका
समिति स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय चुनाव पर्यवेक्षकों, मीडिया रिपोर्ट्स, सिविल सोसायटी संगठनों और विशेषज्ञों की राय का भी विश्लेषण करेगी। इससे समिति को निष्पक्ष और व्यापक रिपोर्ट तैयार करने में मदद मिलेगी।
समिति को मिले विशेषाधिकार
सरकार द्वारा गठित समिति को निम्नलिखित अधिकार दिए गए हैं:
- किसी भी सरकारी दफ्तर से दस्तावेज मंगवाने का अधिकार
- किसी भी व्यक्ति से पूछताछ करने का अधिकार
- आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त सदस्यों को शामिल करने की अनुमति
क्या हसीना सरकार पर बनेगा दबाव?
क्यूंकि इन तीनों चुनावों के दौरान शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग सत्ता में थी, ऐसे में अगर समिति की रिपोर्ट में गड़बड़ियों की पुष्टि होती है, तो इससे उनकी राजनीतिक साख को गहरा झटका लग सकता है।