
नई दिल्ली । 01जुलाई 2025, शब्दरंग समाचार :
देश में डिजिटल इंडिया को लेकर सरकार की उपलब्धियों की चर्चा होती रही है, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस पर सवाल उठाते हुए मोदी सरकार की नीतियों पर करारा प्रहार किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि डिजिटल इंडिया के दावे जितने चमकदार दिखते हैं, हकीकत उतनी ही चिंताजनक है।
भारतनेट योजना की धीमी प्रगति
खरगे ने भारतनेट परियोजना की विफलताओं को उजागर करते हुए कहा कि सरकार का लक्ष्य था कि 6.55 लाख गांवों को ब्रॉडबैंड से जोड़ा जाए, लेकिन आज भी 4.53 लाख गांव इससे वंचित हैं।
- केवल 766 ग्राम पंचायतों (0.73%) में ही सक्रिय वाईफाई सेवा
- 11 साल में 8 बार योजना की डेडलाइन बदली गई
- डिजिटल कनेक्टिविटी का दावा आधा-अधूरा
बीएसएनएल और एमटीएनएल: सरकारी कंपनियों की हालत खराब
खरगे ने बीएसएनएल और एमटीएनएल की स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि ये दोनों कंपनियां निजी खिलाड़ियों से बहुत पीछे हैं।
- बीएसएनएल का कर्ज 2014 में ₹5,948 करोड़ से बढ़कर 2024 में ₹23,297 करोड़
- एमटीएनएल का कर्ज ₹14,210 करोड़ से बढ़कर ₹33,568 करोड़
- 1 लाख 4G टावर लगाने का लक्ष्य अधूरा
- ₹3 लाख करोड़ से अधिक के पुनरुद्धार पैकेज के बावजूद प्रगति नहीं
डिजिटल पहुंच में भारी असमानता
देश में डिजिटल साक्षरता की स्थिति गंभीर चिंता का विषय है। खरगे के अनुसार:
- 15 साल से अधिक आयु के 75.3% लोग कंप्यूटर चलाना नहीं जानते
- ग्रामीण क्षेत्रों में यह आंकड़ा 81.9% और शहरी क्षेत्रों में 60.4%
- 54% सरकारी स्कूलों में इंटरनेट नहीं
- 79% के पास डेस्कटॉप नहीं, 85% में प्रोजेक्टर नहीं
- 7 करोड़ मनरेगा मजदूर आधार पेमेंट बाध्यता के कारण बाहर
साइबर अपराधों में भारी इजाफा
खरगे ने साइबर सुरक्षा को लेकर भी सरकार पर हमला बोला और कहा कि:
- 2020 में 11.58 लाख साइबर केस → 2024 में 20.41 लाख केस
- डिजिटल अरेस्ट स्कैम जैसे मामलों में तीन गुना वृद्धि
- 21 गुना ज्यादा धनराशि साइबर ठगों के हाथ लगी
कांग्रेस का डिजिटल इतिहास
खरगे ने यह भी स्पष्ट किया कि डिजिटल इंडिया की आधारशिला कांग्रेस सरकार ने ही रखी थी।
- एनपीसीआई (NPCI) की स्थापना 2009 में
- पहली डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) स्कीम 2013 में LPG सब्सिडी के लिए
- UPI, आधार, मोबाइल-बैंक लिंकिंग की शुरुआत यूपीए काल में