
नई दिल्ली । 07 जुलाई 2025, शब्दरंग समाचार :
पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कई निजी मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटे के अंतर्गत फर्जी दस्तावेजों के जरिए अयोग्य छात्रों को दाखिला दिए जाने का बड़ा घोटाला सामने आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस घोटाले की जांच करते हुए 6.42 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
कैसे हुआ घोटाला?
एनआरआई कोटे की सीटों पर दाखिले के लिए कॉलेज प्रबंधन ने:
- एजेंटों के माध्यम से फर्जी एनआरआई दस्तावेज तैयार कराए
- असंबंधित एनआरआई से संपर्क कर पैसे के बदले प्रायोजक प्रमाणपत्र खरीदे
- एक ही एनआरआई दस्तावेज का इस्तेमाल कई छात्रों के लिए किया
- सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर फर्जी तरीके से दाखिले कराए
ईडी की कार्रवाई और जांच
ईडी ने इस मामले में:
- पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कई निजी मेडिकल कॉलेजों पर छापे मारे
- आपत्तिजनक दस्तावेज और फर्जी प्रमाणपत्र जब्त किए
- 12.33 करोड़ की संपत्तियों की जब्ती पहले ही की जा चुकी है
- संबंधित व्यक्तियों के बयान दर्ज किए और विस्तृत वित्तीय जांच जारी है
विदेश मंत्रालय (MEA) की भूमिका
विदेश मंत्रालय ने:
- कुछ एनआरआई प्रायोजकों के फर्जी प्रमाणपत्र की जानकारी राज्य सरकारों को दी
- भारतीय दूतावासों से मिले फीडबैक में पता चला कि दस्तावेज असली नहीं थे
- कई मामलों में राज्य सरकार के अधिकारियों की निष्क्रियता पर सवाल उठाए
सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों की अनदेखी
सर्वोच्च न्यायालय ने एनआरआई कोटे के तहत:
- प्रायोजक के लिए संबंधितता और स्थायी एनआरआई स्टेटस की अनिवार्यता तय की है
- लेकिन इस घोटाले में कॉलेजों ने नियमों को दरकिनार कर भारी कमीशन लेकर फर्जी दाखिले किए