
नई दिल्ली । 08 जुलाई 2025, शब्दरंग समाचार :
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगों के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। नोएडा स्थित एक कॉल सेंटर से ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के नागरिकों को तकनीकी सहायता के नाम पर धोखा दिया जा रहा था। CBI ने ऑपरेशन चक्र-V के तहत इस साइबर फ्रॉड नेटवर्क को बेनकाब किया और इस मामले में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया।
कैसे होता था फ्रॉड? तकनीकी सपोर्ट की आड़ में छल
इस गिरोह के सदस्य खुद को माइक्रोसॉफ्ट और अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों का टेक्निकल सपोर्ट कर्मचारी बताकर विदेशी ग्राहकों से संपर्क करते थे।
वे फर्जी तकनीकी समस्या बताकर डर पैदा करते और महंगे सॉफ्टवेयर या सेवाएं बेचने के बहाने पैसे ऐंठते थे।
CBI ने कैसे किया ऑपरेशन?
- CBI ने 7 जुलाई 2025 को नोएडा के तीन स्थानों पर छापेमारी की।
- इस छापेमारी के दौरान लाइव ठगी कॉल का भी पता चला, जिसमें एक विदेशी नागरिक को निशाना बनाया जा रहा था।
- कार्रवाई यूके की नेशनल क्राइम एजेंसी (NCA), FBI और Microsoft के सहयोग से की गई।
क्या मिला छापेमारी में?
CBI को जांच के दौरान कई डिजिटल सबूत और दस्तावेज मिले, जिनमें शामिल थे:
- परिष्कृत कॉलिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर
- स्क्रिप्ट जो विदेशी ग्राहकों को भ्रमित करने में इस्तेमाल होती थी
- खातों का रिकॉर्ड जिससे धोखाधड़ी का दायरा स्पष्ट होता है
कौन था मास्टरमाइंड?
‘फर्स्ट आइडिया’ नामक सिंडिकेट द्वारा संचालित यह कॉल सेंटर अत्याधुनिक तकनीक से लैस था।
CBI ने इस ऑपरेशन के मुख्य संचालक और साझेदार को गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपी को विशेष CBI कोर्ट में पेश किया गया है।
CBI का अंतरराष्ट्रीय सहयोग
CBI ने बताया कि वह FBI, NCA और अन्य वैश्विक एजेंसियों के साथ मिलकर इस तरह के सीमा-पार साइबर अपराधों से निपटने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
ऑपरेशन चक्र-V इसका एक प्रमुख उदाहरण है, जो भारत में साइबर अपराध से लड़ने की क्षमता को वैश्विक स्तर पर मजबूत कर रहा है।