
बंगलूरू। 16 जुलाई 2025, शब्दरंग समाचार :
बंगलूरू के नजदीक देवनहल्ली में प्रस्तावित एयरोस्पेस पार्क के लिए 1,777 एकड़ भूमि अधिग्रहण की योजना रद्द होने के बाद, यह मुद्दा अब कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के बीच प्रतिस्पर्धा का रूप ले चुका है।
किसानों के विरोध के बाद बदला फैसला
कर्नाटक सरकार ने देवनहल्ली प्रोजेक्ट को स्थानीय किसानों के विरोध के कारण रोक दिया। इस निर्णय के तुरंत बाद, आंध्र प्रदेश के आईटी मंत्री नारा लोकेश ने सोशल मीडिया पर एयरोस्पेस कंपनियों को अपने राज्य में आमंत्रित किया। “हमारे पास बंगलूरू के पास ही 8,000 एकड़ जमीन उपलब्ध है, जिसमें विश्वस्तरीय सुविधाएं हैं।”
कर्नाटक का जवाब – सिर्फ जमीन नहीं, इकोसिस्टम भी है
इस पर कर्नाटक के उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा: “कर्नाटक सिर्फ जमीन नहीं देता, बल्कि देश का नंबर-1 एयरोस्पेस और डिफेंस इकोसिस्टम भी देता है। भारत के एयरोस्पेस उत्पादन में 65% योगदान कर्नाटक का है।”
“कोई उद्योग कर्नाटक छोड़कर नहीं जाएगा”
पाटिल ने स्पष्ट किया कि उद्योगों के लिए कर्नाटक सबसे उपयुक्त राज्य है:
- हमारे पास योजनाएं, संसाधन और नीतिगत समर्थन है।
- जो कंपनियां जमीन चाहती हैं, उन्हें उचित मुआवजा देकर वैकल्पिक भूमि दी जाएगी।
- बंगलूरू के आसपास ही उद्योगों को ज़रूरी सुविधाएं और सपोर्ट मिलेगा।
“प्रतिस्पर्धा स्वाभाविक, लेकिन कर्नाटक तैयार है”
एमबी पाटिल ने यह भी कहा कि: “दूसरे राज्यों से प्रतिस्पर्धा होना स्वाभाविक है, लेकिन हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। कोई उद्योग कर्नाटक छोड़कर नहीं जाएगा।”
HAL भी मांग रहा है जमीन
उन्होंने यह भी बताया कि हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के चेयरमैन ने हाल ही में उनसे मुलाकात की थी और आवश्यक जमीन के लिए प्रस्ताव दिया है, जिसे सरकार जल्द मंजूर कर सकती है।