
शब्दरंग समाचार। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महायुति गठबंधन की जीत के पीछे मानी जा रही प्रमुख योजनाओं में से एक ‘लाडकी बहीण योजना’ अब सवालों के घेरे में है। महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई इस योजना का लाभ 14,298 पुरुषों ने भी उठाया है।
महिला एवं बाल कल्याण मंत्री अदिति तटकरे ने स्वीकार किया कि सत्यापन के दौरान यह सामने आया कि कुछ पुरुषों सहित 26.34 लाख अपात्र लाभार्थियों ने इस योजना का लाभ लिया है। तटकरे ने बताया कि इन अपात्र लाभार्थियों को जून 2025 से भुगतान रोक दिया गया है।इस योजना के तहत राज्य सरकार 21 से 65 वर्ष की आयु की उन महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह देती है, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है। इस पर चालू वित्त वर्ष के बजट में 36,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
विवाद के कारण
कई लाभार्थियों ने एक से अधिक सरकारी योजनाओं का फायदा उठाया।कुछ उच्च आय वर्ग के लोगों ने भी आवेदन कर लाभ प्राप्त किया।सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि पुरुषों ने भी आधिकारिक पंजीकरण कर इस योजना से पैसा लिया।
सरकार और विपक्ष की प्रतिक्रिया
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि अगर किसी ने गलत फायदा उठाया है तो उनसे पैसा वसूला जाएगा। वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पहले कह चुके हैं कि “यह देने वाली सरकार है, लेने वाली नहीं।”
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने आरोप लगाया कि इसके पीछे बड़ी साज़िश है और एसआईटी या सीबीआई जांच की मांग की।
पूर्व आईएएस अधिकारी महेश झगडे का कहना है कि यह पूरी तरह से प्रशासनिक लापरवाही है और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। अर्थशास्त्री नीरज हाटेकर ने इसे चुनाव जीतने का साधन बताते हुए कहा कि गरीब लाभार्थियों ने वह पैसा खर्च कर दिया है, इसलिए अब उसकी वापसी व्यावहारिक नहीं है।बीजेपी मीडिया प्रमुख नवनाथ बान ने कहा कि यह योजना महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए है और अगर खामियां हैं तो सरकार उन्हें दूर करेगी।फिलहाल सरकार ने अपात्र लाभार्थियों का भुगतान रोक दिया है और आगे की कार्रवाई पर निर्णय मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से विचार-विमर्श के बाद लिया जाएगा।