
शब्दरंग समाचार , 8, अगस्त 2025: अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रेस वार्ता में एक पत्रकार ने सवाल किया कि सात साल में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन यात्रा पर जा रहे हैं। क्या अमेरिका को चिंता है कि ब्रिक्स समूह टैरिफ़ के ख़िलाफ़ कोई कदम उठा सकता है?
जवाब में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रधान उपप्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने कहा, “भारत के संदर्भ में मैं यही कह सकता हूं कि राष्ट्रपति ट्रंप व्यापार असंतुलन और रूसी तेल की ख़रीद के मुद्दे पर बहुत स्पष्ट हैं। भारत एक रणनीतिक साझेदार है, जिसके साथ बातचीत पहले की तरह जारी रहेगी। हम हर बार 100 फ़ीसदी सहमत नहीं होते, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप रूस से तेल ख़रीद को लेकर स्पष्ट रुख़ रखते हैं।”
हालांकि, भारत सरकार की ओर से पीएम मोदी के चीन दौरे को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
वर्तमान में अमेरिका भारत पर 50% टैरिफ़ लगा चुका है। इसी बीच, अमेरिका की हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी ने एक्स पर लिखा है कि “ट्रंप के अतिरिक्त टैरिफ़ ने अमेरिका-भारत साझेदारी को मज़बूत बनाने के लिए वर्षों से किए जा रहे प्रयासों को ख़तरे में डाल दिया है।”
कमेटी का कहना है कि “हमारे बीच गहरे रणनीतिक और आर्थिक संबंध हैं। सभी समस्याओं का समाधान हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप पारस्परिक सम्मान के साथ किया जाना चाहिए।”