नई दिल्ली, शब्दरंग समाचार: वित्त वर्ष 2025 के पहले आठ महीनों में भारत के सौर सेल और मॉड्यूल आयात में क्रमशः 20% और 57% की गिरावट दर्ज की गई है। यह गिरावट मुख्य रूप से उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना और घरेलू विनिर्माण के विस्तार के कारण आई है, जिससे भारत अपनी सौर ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है।
घरेलू उत्पादन को मिल रहा बढ़ावा
सरकार द्वारा लागू पीएलआई योजना के तहत, सौर पैनल उत्पादन को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिससे भारतीय कंपनियां वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। इसके अलावा, आयात पर निर्भरता कम करने के लिए कई नीतिगत फैसले भी लिए गए हैं, जिससे स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा मिला है।
- आयात में गिरावट के पीछे के कारण
- घरेलू उत्पादन क्षमता में वृद्धि
- सरकार की आत्मनिर्भर भारत नीति
- पीएलआई योजना के तहत कंपनियों को वित्तीय सहायता
- विदेशी आपूर्ति पर निर्भरता कम करने की रणनीति
- हरित ऊर्जा लक्ष्य की ओर भारत
भारत 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा दे रहा है। सरकार की नीतियां घरेलू सौर उद्योग को मजबूत कर रही हैं, जिससे देश को वैश्विक स्तर पर सौर ऊर्जा हब बनाने की दिशा में मदद मिल रही है।विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यही रुझान जारी रहा, तो भारत आने वाले वर्षों में सौर ऊर्जा उपकरणों का एक प्रमुख निर्यातक बन सकता है।