
वॉशिंगटन। शब्दरंग समाचार। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत सहित कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ़ (प्रतिशोधात्मक शुल्क) लगाने की घोषणा के बाद अमेरिकी शेयर बाज़ार में भारी गिरावट दर्ज की गई है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि कभी-कभी व्यवस्था को सुधारने के लिए कड़े कदम उठाने पड़ते हैं।
मीडिया से बातचीत में ट्रंप ने कहा, “मैं किसी चीज़ में गिरावट नहीं चाहता, लेकिन कभी-कभी चीज़ें ठीक करने के लिए दवाई लेनी पड़ती है।”
बाज़ार में गिरावट को लेकर ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि यह अस्थायी प्रभाव है और लंबे समय में अमेरिका को इससे लाभ मिलेगा। उनका कहना है कि अमेरिका अब उन देशों के खिलाफ कदम उठा रहा है जो दशकों से व्यापारिक अनुचितता बरतते आए हैं।
टैरिफ़ का असर और ट्रंप का दावा
ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में चीन, भारत और यूरोपीय संघ जैसे देशों से आयातित वस्तुओं पर ऊंचे शुल्क लगाने की योजना घोषित की है। इसका तात्कालिक असर अमेरिकी शेयर बाज़ार पर पड़ा, जहां प्रमुख सूचकांकों में गिरावट दर्ज की गई।
हालांकि ट्रंप ने दावा किया कि इन कदमों से अमेरिका में नौकरियां वापस आएंगी और निवेश में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा, “दुनिया अमेरिका के साथ बुरा व्यवहार करना जल्द ही बंद कर देगी।”
आर्थिक विशेषज्ञों की राय
अर्थशास्त्रियों की राय इस पर बंटी हुई है। कुछ इसे अमेरिका की घरेलू अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने वाला कदम मानते हैं, तो कुछ इसे वैश्विक व्यापार में अस्थिरता बढ़ाने वाला बताते हैं।
नज़र आगे की रणनीति पर
अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि ट्रंप प्रशासन आने वाले दिनों में इन टैरिफ़ नीतियों को कैसे लागू करता है और अन्य देश इसका क्या जवाब देते हैं। शेयर बाज़ार की दिशा और वैश्विक व्यापार पर इसका असर आने वाले हफ्तों में साफ हो सकेगा।