शब्दरंग संवाददाता। अपने देश में आतंकवादियों को पनाह देने वाला पाकिस्तान अब आतंक की खेती से परेशान हो रहा है। बुधवार को पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकियों ने एक आत्मघाती हमले को अंजाम दिया। एक आत्मघाती हमलावर ने सुरक्षा चौकी पर विस्फोटकों से भरे वाहन को विस्फोट कर दिया। इस हमले में करीब 17 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई है, जबकि कई घायल हो गए हैं। इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से अलग हुए हाफिज गुल बहादुर ग्रुप (HGB) ने ली है।यह हमला खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बन्नू जिले में हुआ है। जिसमें सुरक्षाकर्मी समेत छह आतंकवादी भी मारे गए। अभी तक सरकार ने इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन सुरक्षा और खुफिया अधिकारियों ने पुष्टि की है। हमले कि जिम्मेदारी लेते हुए हाफिज गुल बुहादुर ग्रुप ने पाकिस्तानी सैनिकों के सिर काटने का वीडियो भी जारी किया है। पाक सेना की मीडिया शाखा, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने कहा कि आतंकवादियों ने मंगलवार देर रात बन्नू जिले के सामान्य क्षेत्र मालीखेल में एक संयुक्त चेक पोस्ट पर हमला करने का प्रयास किया, लेकिन पोस्ट में प्रवेश करने के उनके प्रयास को सैनिकों ने प्रभावी ढंग से विफल कर दिया।
6 आतंकी ढेर
ISPR ने कहा कि आत्मघाती हमले से दीवार का एक हिस्सा ढह गया और आसपास के बुनियादी ढांचे को भी नुकसान पहुंचा है। इस हमले में सुरक्षा बलों और फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के सैनिकों सहित अब तक 17 जवानों की मौत हो गई। आत्मघाती हमले के बाद घटनास्थल पर फायरिंग भी की गई, जिसमें 6 आतंकियों के ढेर होने की खबर है। हमले और फायरिंग में घायल लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्थानीय प्रशासन ने इलाके में कर्फ्यू लगा दिया है।
पाकिस्तान की खस्ता हालत
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (KPK) प्रांत में पश्तून आलगाववाद की हवा चल रही है। PoK में बिजली और रोजगार जैसे मुद्दे पर नागरिक विद्रोह कर रहे हैं। पूर्व पीएम इमरान खान के समर्थक भी सेना के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। इमरान की रिहाई के लिए लाहौर से कराची तक प्रदर्शन हो रहे हैं। दूसरी तरफ पाकिस्तान गले तक विदेशी कर्ज में डूबा हुआ है। मदद के नाम पर मिली भीख के भरोसे रोजमर्रा का कामकाज हो रहे है। पुराने कर्ज का ब्याज चुकाने के लिए भी पाकिस्तान को कर्ज लेना पड़ रहा है। पैसों की किल्लत की वजह से पाकिस्तानी सेना को अपने खर्चे में कटौती करनी पड़ी है।