
अयोध्या (शब्दरंग न्यूज नेटवर्क)
दीपावली असत्य पर सत्य की जीत का सबसे बड़ा प्रतीक है। वर्षों से इस पावन पर्व को श्रीराम के अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है।
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद , श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के द्वार खोले जाने के बाद 2024 में पहली दीपावली मनाई जाएगी। जहां अयोध्या की भव्यता देखने योग्य होगी।
अयोध्या दीपोत्सव: 35 लाख दीयों की जगमगाहट
अयोध्या इस वर्ष अपने 8 वें दीपोत्सव के लिए सज-धजकर तैयार हो चुकी है। श्रद्धालु और स्थानीय लोग अयोध्या खी इस दिवाली को खास बनाने के लिए उत्सुक हैं।
सरयू नदी के 55 घाटों पर 28 लाख दीये बिछाए जा चुके हैं। इस साल 25 लाख दीपक प्रज्वलित कर विश्व रिकॉर्ड बनाने की योजना है। वहीं पूरे अयोध्या की बात करें तो करीब 35 लाख से ज्यादा दीयें जलाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर को विशेष रूप से उल्लेख किया और देशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस दिवाली का महत्व अनोखा है क्योंकि 500 वर्षों बाद भगवान राम अयोध्या के अपने भव्य मंदिर में विराजमान हैं। यह पहली दीपावली है जो उनके साथ उनके पवित्र मंदिर में मनाई जाएगी। इस साल की दीपावली में भगवान राम एक बार फिर अपने निवास पर लौट आए हैं।
उन्होंने कहा कि इस दीपावली की प्रतीक्षा में कई पीढ़ियां गुजर गईं, लाखों लोगों ने बलिदान दिए और यातनाएं झेलीं। हम सभी बहुत सौभाग्यशाली हैं जो ऐसी विशेष दीपावली के साक्षी बनेंगे।
दिवाली 2024: श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष अवसर
यह दिवाली न केवल धार्मिक त्योहार है बल्कि लाखों श्रद्धालुओं के लिए भगवान श्रीराम की विरासत से जुड़ने का एक सुनहरा अवसर है।श्रद्धालु इस अवसर पर रामलला के दर्शन करने के साथ ही दीपावली पर अयोध्या के इस अद्वितीय दीपोत्सव का हिस्सा बनेंगे। अयोध्या की दीपावली न केवल रामायण काल की महिमा को जीवंत करेगी बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक ऐतिहासिक पर्व के रूप में इतिहास में दर्ज हो जायेगी।