बल्लूपुर (जमुई), बिहार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के जमुई में आयोजित जनजाति गौरव समारोह में जनजातियों के कल्याण के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित इस समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पढ़ाई, कमाई और दवाई का इंतजाम जनजातीय समुदायों के लिए प्राथमिकता के आधार पर कर रही है।
जनजातीय कल्याण पर विशेष जोर
प्रधानमंत्री ने कहा, “हम उसे पूजते हैं, जिसे कोई नहीं पूछता।” यह उनकी सरकार के उन प्रयासों का प्रतीक है, जो समाज के उपेक्षित वर्गों के उत्थान के लिए किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि:
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने जनजातीय कल्याण विभाग की स्थापना की थी।
उनकी सरकार ने जनजातीय समुदायों के लिए बजट को पाँच गुना बढ़ा दिया है।
शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए विशेष योजनाओं पर काम किया जा रहा है।
भगवान बिरसा मुंडा का सम्मान
प्रधानमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा को नमन करते हुए कहा कि उनकी जयंती पर यह समारोह 28 राज्यों के 100 जिलों से वर्चुअल माध्यम से जुड़े करीब एक करोड़ लोगों के साथ मनाया जा रहा है। उन्होंने घोषणा की कि:
दिल्ली के सराय काले खां चौराहे का नाम बदलकर भगवान बिरसा मुंडा चौक रखा जाएगा।
भगवान बिरसा मुंडा के संघर्ष और योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
सरकार की योजनाएँ
प्रधानमंत्री ने जनजातीय समुदायों के विकास के लिए सरकार की योजनाओं का जिक्र किया, जिनमें:
- शिक्षा: आदिवासी क्षेत्रों में स्कूलों और कॉलेजों की संख्या बढ़ाई गई है।
- स्वास्थ्य: जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया गया है।
- आजीविका: स्वरोजगार और कौशल विकास के लिए विशेष योजनाएँ लागू की गई हैं।
समारोह में उमड़ा जनसैलाब
जनजाति गौरव समारोह में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। वर्चुअल माध्यम से जुड़े लोगों ने इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बताया। प्रधानमंत्री के संबोधन ने जनजातीय समुदायों के उत्थान के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को और मजबूत किया।
भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर यह आयोजन जनजातीय समाज के गौरव को सम्मानित करने का महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।