‘अरे शरीफ लोग’ का मंचन : हँसी के ठहाकों से गूँजा महावर ऑडिटोरियम
शब्दरंग साहित्य: रंग संस्कार थियेटर ग्रुप द्वारा आयोजित अलवर रंगम 2024 के अंतर्गत 26 मार्च को महावर ऑडिटोरियम में “अरे शरीफ लोग” नाटक का मंचन हुआ। जयवंत दलवी द्वारा…
📢 शब्दरंग विशेष साक्षात्कार 📢
शब्दरंग चैनल के लिए वरिष्ठ पत्रकार राजेश श्रीवास्तव जी ने लिया लोहियावादी विचारधारा के प्रखर चिंतक दीपक मिश्रा जी का विशेष साक्षात्कार। 🗣️ इस संवाद में उन्होंने समाजवाद, समकालीन…
आज पढ़िए शब्दरंग साहित्य में पूनम श्री की कविताएं
शब्दरंग साहित्य: पूनम श्री की कविताएं 1— मन जानता है सुख इतना ही देना जितने में- मैं तुझे हर पल महसूस कर सकूं मेरे हिस्से में पनपते है – कई…
शब्दरंग साहित्य में आज पढ़िए मोनिका शर्मा की रचना
हर इक़ ज़ख़्म सिया हमने ——————————— पूरे मन से आधा इश्क़ किया हमनेघूँट घूँट भर दरिया एक पिया हमने प्यासा कोई जब भी घर में आया हैखाली हाथों, दोनों हाथ…
शब्दरंग स्टूडियो में आज का व्यस्त दिन: पॉडकास्ट और हनुमान चालीसा पर विशेष जानकारी
शब्दरंग साहित्य। लखनऊ। आज शब्दरंग स्टूडियो में एक सक्रिय और रचनात्मक माहौल देखने को मिला। दिनभर में कई महत्वपूर्ण शूटिंग हुईं, जिनमें धार्मिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक विषयों को शामिल किया…
शब्दरंग साहित्य में पढ़िए उल्लास की कविता ” मूक प्रणय”
। मूक प्रणय । मैं एक ठिठका हुआ उजास हूँ भोर का जिसके पास सूरज के होने की कोई रक्तिम रेखा नहीं मेरे पास तपते कपोल हैं जागते अश्रुओं के…
शब्दरंग साहित्य में आज पढ़िए गीतिका वेदिका की कविता
विजयी लेखनी वाले प्रियतमकोई गीत लिखो!सुलझ जाये मेरी सब उलझनकोई गीत लिखो! लिखो नाक की लौंग चमकतीबिंदिया बन जाती हैलिखो कान की बाली गुमकरमाटी सन जाती है इतरा उठें पायलें…
शब्दरंग साहित्य में पढ़िए प्रियदर्शन जी की कविता ” इतिहास में पन्ना धाय “
मैं शायद तब सोया हुआ था जब तुम मुझे अपनी बाँहों में उठाकर राजकुमार की शय्या तक ले गई माँ, हो सकता है, नींद के बीच यह विचलन इस आश्वस्ति…