बिहार (Shabddrang Samachar) : आज से बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड सहित पूरे देश में छठ महापर्व की पवित्र शुरुआत हो रही है। छठ पर्व का पहला दिन नहाय खाय के रूप में मनाया जाता है, जिसमें व्रती नदी, तालाब या अन्य पवित्र जल स्रोत में स्नान कर व्रत की शुरुआत करते हैं। आज व्रती शुद्धता और सात्विकता के प्रतीक भोजन को ग्रहण कर छठ व्रत का संकल्प लेते हैं। इस दिन कद्दू-भात और चने की दाल का प्रसाद बनाकर ग्रहण किया जाता है, जिसे श्रद्धालु अपनी आस्था के साथ तैयार करते हैं।
छठ महापर्व सूर्य देवता और छठी मैया को समर्पित होता है, जिसमें चार दिनों तक व्रत रखने वाले श्रद्धालु कठिन तपस्या और संयम का पालन करते हैं। यह पर्व विशेषकर सूर्य की उपासना और उनके प्रति आभार व्यक्त करने का प्रतीक है।
कल (दूसरे दिन) खरना का आयोजन होगा, जिसमें श्रद्धालु पूरे दिन उपवास रखेंगे और सूर्यास्त के समय गुड़ और चावल की खीर का प्रसाद बनाकर ग्रहण करेंगे। इसके बाद का व्रत निर्जला होता है, जिसमें बिना जल ग्रहण किए कठिन तपस्या का पालन करते हुए अगले दो दिन तक संध्या और उषा के समय अर्घ्य देने की परंपरा निभाई जाती है।
छठ महापर्व की इस भव्यता और आध्यात्मिकता का पूरे समाज में विशेष महत्व है। श्रद्धालु गहरे उत्साह और भक्ति भाव से सूर्य उपासना में लीन रहते हैं, जिससे समाज में समृद्धि, सुख और स्वास्थ्य का संदेश प्रसारित होता है।