
नई दिल्ली। 2 जून 2025, शब्दरंग समाचार:
दिल्ली में कोरोना वायरस एक बार फिर चिंता का कारण बनता जा रहा है। इस साल की चौथी मौत एक 22 वर्षीय लड़की की हुई, जो पहले से टीबी से पीड़ित थी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों और डॉक्टरों ने लक्षणों को हल्के में न लेने की सलाह दी है।
अब तक कुल संक्रमित मरीज और ठीक होने वालों के आंकड़े
दिल्ली में 1 जनवरी 2025 से अब तक कुल 436 कोविड केस सामने आए हैं। इनमें से 357 मरीज ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं। शनिवार को ही 91 मरीजों को छुट्टी दी गई।
स्वास्थ्य विभाग ने आश्वस्त किया है कि अस्पतालों में बेड, दवाएं और ऑक्सीजन की पूरी व्यवस्था है। निजी अस्पतालों को भी तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना का नया वेरिएंट भले ही हल्का हो, लेकिन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। जैसे:
* लगातार खांसी
* जुकाम और बुखार
* सांस लेने में दिक्कत
* थकावट और शरीर दर्द
यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, टेस्ट कराएं और आइसोलेशन में रहें।
बुजुर्ग और गंभीर मरीजों के लिए खतरा
कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों, बुजुर्गों और पहले से किसी क्रॉनिक बीमारी से पीड़ित लोगों को कोरोना अधिक प्रभावित कर सकता है।
डॉ. प्रेम अग्रवाल के अनुसार, कोविड का नया वेरिएंट सामान्य लोगों के लिए हल्का हो सकता है, लेकिन गंभीर रोगियों के लिए यह जानलेवा साबित हो सकता है।
सांस के मरीज बरतें विशेष सावधानी
वल्लभभाई पटेल चेस्ट संस्थान के निदेशक डॉ. राजकुमार का कहना है कि अस्थमा और सांस से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित लोगों को कोविड से बचाव के सभी उपायों का पालन करना चाहिए।
मास्क पहनें, भीड़भाड़ से बचें और हाथों की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
विशेषज्ञों की राय
“कोविड को हल्के में लेना अब भी खतरनाक साबित हो सकता है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो किसी पुरानी बीमारी से ग्रस्त हैं।”
डॉ. प्रेम अग्रवाल, अध्यक्ष, नेशनल मेडिकल फोरम