
फ्रांस संवाददाता: फ्रांस में राजनीतिक इतिहास रचते हुए प्रधानमंत्री मिशेल बार्नियर और उनकी सरकार विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के चलते गिर गई। बुधवार को संसद में हुए मतदान में 331 सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया, जबकि सरकार को गिराने के लिए 288 वोटों की आवश्यकता थी।
मुख्य घटनाक्रम
प्रधानमंत्री मिशेल बार्नियर की सरकार महज तीन महीने ही टिक सकी।
बार्नियर को अब राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को अपना इस्तीफा सौंपना होगा।
यह फ्रांस के पिछले 60 वर्षों के इतिहास में पहली बार हुआ है कि किसी सरकार को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटाया गया है।
राजनीतिक संकट:
जुलाई में हुए आम चुनावों में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था, जिसके बाद राष्ट्रपति मैक्रों ने सितंबर में मिशेल बार्नियर को प्रधानमंत्री नियुक्त किया।
बार्नियर अल्पमत सरकार चला रहे थे और उनकी नीतियों पर विपक्ष का लगातार विरोध बना हुआ था।
विवाद और विरोध:
सरकार के सामाजिक सुरक्षा बजट में टैक्स वृद्धि के फैसले ने वामपंथी और दक्षिणपंथी दोनों दलों को नाराज कर दिया।
बार्नियर सरकार ने यह बजट बिना वोटिंग के पारित कर दिया, जिसे विपक्ष ने अलोकतांत्रिक बताया।
इसी के विरोध में विपक्षी दलों ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।
अगला कदम:
प्रधानमंत्री बार्नियर के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति मैक्रों के सामने एक नई सरकार बनाने की चुनौती होगी। उन्हें अब एक स्थिर और सक्षम प्रधानमंत्री की नियुक्ति करनी होगी, जो देश की आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता को बहाल कर सके।
इस घटनाक्रम ने फ्रांस के राजनीतिक भविष्य को अस्थिर कर दिया है और राष्ट्रपति मैक्रों के नेतृत्व के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।