शब्दरंग समाचार। उत्तर प्रदेश: स्वामी गोविंदानंद सरस्वती ने हनुमान जी की प्रतिष्ठित प्रतिमा को लेकर चल रही देशव्यापी तीर्थ यात्रा के उद्देश्य और महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह यात्रा केवल धार्मिक स्थलों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य समाज में धर्म के प्रति समर्पण और जागरूकता को बढ़ाना है।स्वामी गोविंदानंद सरस्वती प्राचीन श्री कल्कि विष्णु मंदिर, कोटपूर्वी, संभल पहुंचे, जहां उन्होंने भगवान श्री कल्कि के दर्शन किए और हनुमान जी की प्रतिमा को भी भगवान के दर्शन कराए। इस अवसर पर उन्होंने कहा, “कर्नाटक के कोप्पल जिले की किष्किंधा भूमि हनुमान जी की जन्मस्थली है। वहां भव्य मंदिर निर्माणाधीन है, और इस प्रतिमा को पूरे देश में ले जाकर तीर्थ यात्रा कराई जा रही है।”सनातन संस्कृति और धर्म का प्रचारस्वामी गोविंदानंद ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य सनातन संस्कृति का प्रदर्शन और भगवान श्री कल्कि का प्रचार-प्रसार करना है। साथ ही, उन्होंने लोगों से सनातन धर्म की महानता और अखंड भारत के विचार को समझने का आह्वान किया।
संभल: भगवान कल्कि की अवतार स्थली
उन्होंने संभल को भगवान श्री कल्कि के अवतरण की भूमि बताते हुए कहा कि यहां चल रही खुदाई में प्राचीन मंदिर और कूप मिलने का संकेत है। यह घटनाएं सनातन धर्म के संदेश को प्रकट करती हैं।
सरकार से अपील
स्वामी गोविंदानंद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि वे संभल आकर कल्कि मंदिर और भगवान के दर्शन करें। साथ ही, उन्होंने संभल में परिवहन और ट्रेन सुविधाओं को बढ़ाने की अपील की, ताकि देश-विदेश से भक्त यहां आसानी से पहुंच सकें।इस अवसर पर स्वामी गोविंदानंद के साथ आचार्य सूरज मिश्रा और अन्य धर्मगुरु उपस्थित थे। स्वामी जी ने अंत में कहा कि वह जल्द ही कुंभ मेले के लिए प्रस्थान करेंगे।यह यात्रा सनातन धर्म के प्रचार और जनमानस में आध्यात्मिकता का संदेश देने का एक विशेष प्रयास है।