शब्दरंग समाचार। चीन में इन दिनों ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, जो खासकर 14 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित कर रहा है। यह वायरस सर्दी, खांसी, और सांस की समस्याएं उत्पन्न करता है। इसके लक्षण कोविड-19 से मिलते-जुलते हैं, लेकिन यह उतना गंभीर नहीं है। भारत में फिलहाल इसके संक्रमण के मामलों में वृद्धि नहीं देखी गई है।
वायरस का प्रभाव और लक्षण
एचएमपीवी मुख्यतः खांसी, जुकाम, बुखार, और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण उत्पन्न करता है। गंभीर मामलों में यह निमोनिया और ब्रोंकाइटिस का कारण बन सकता है। यह वायरस अधिकतर सर्दियों में सक्रिय होता है।
भारत में स्थिति
भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) ने स्थिति पर नजर रखी हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह वायरस नया नहीं है और आमतौर पर हल्के लक्षण ही उत्पन्न करता है। हालांकि, सांस की बीमारी या कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों में यह परेशानी बढ़ा सकता है।
एचएमपीवी से बचाव के उपाय
1. स्वच्छता बनाए रखें:साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोएं।सतहों को नियमित रूप से साफ करें।
2. संक्रमित व्यक्ति से दूरी:खांसी या जुकाम वाले लोगों के संपर्क में आने से बचें।खांसते और छींकते समय मुंह और नाक को ढकें।
3. मास्क पहनें:सार्वजनिक स्थानों पर मास्क का उपयोग करें।अगर आपको जुकाम है, तो घर पर ही आराम करें।
4. व्यक्तिगत सामान साझा न करें:अपने बर्तन, कप और तौलिए अलग रखें।
5. बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान:कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को भीड़भाड़ से बचाने का प्रयास करें।
इलाज और टीका
एचएमपीवी के लिए अभी तक कोई विशेष एंटीवायरल दवा या टीका उपलब्ध नहीं है। सामान्य सर्दी-जुकाम के लिए दी जाने वाली दवाएं ही इलाज में सहायक हैं।
विशेषज्ञों की राय
डॉक्टरों का कहना है कि भारत में एचएमपीवी के मौजूदा मामलों में गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिले हैं। हालांकि, जिन लोगों को दमा, सीओपीडी, या अन्य सांस की बीमारी है, उन्हें विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
हालांकि चीन में एचएमपीवी संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन भारत में इसकी स्थिति सामान्य है। सावधानी और स्वच्छता बरतने से संक्रमण को रोका जा सकता है। सरकार और स्वास्थ्य संस्थान सतर्क हैं और नियमित निगरानी कर रहे हैं।