
नई दिल्ली। 31 मई 2025, शब्दरंग समाचार:
भारतीय सेना ने अगली पीढ़ी की रक्षा प्रणालियों का वास्तविक युद्ध जैसे हालात में परीक्षण कर तकनीकी क्षमता और परिचालन तत्परता को परखने का प्रयास किया है।
इन परीक्षणों में शामिल रहे:
* मानव रहित हवाई प्रणालियां (UAS)
* UAV लॉन्च्ड प्रिसिजन गाइडेड म्यूनिशन (ULPGM)
* रनवे इंडिपेंडेंट RPAS
* काउंटर-UAS समाधान
* सटीक युद्धक सामग्री वितरण प्रणाली
* इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर प्लेटफॉर्म
* VSHORADS अगली पीढ़ी आईआर सिस्टम
* SVL ड्रोन
* IDDIS सिस्टम
तकनीकी बढ़त को मजबूत करना उद्देश्य
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इन परीक्षणों का मुख्य उद्देश्य स्वदेशी तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देना, आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करना और सेना के ट्रांसफॉर्मेशन रोडमैप को लागू करना है।
यह परीक्षण सेना की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है, जो उभरती हुई युद्धक चुनौतियों का सामना करने के लिए नई तकनीकों को तेजी से अपनाने पर केंद्रित है।
कहां -कहां हुए परीक्षण?
भारतीय सेना ने देश के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों पर यह परीक्षण किए:
* पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज (राजस्थान)
* बबीना फील्ड फायरिंग रेंज (झांसी, यूपी)
* आगरा – वायु रक्षा प्रणाली के लिए
* गोपालपुर
* जोशीमठ – पर्वतीय क्षमताओं के लिए
सेना प्रमुख का दौरा
27 मई को सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बबीना रेंज का दौरा किया और वहां चल रहे रक्षा प्रणाली परीक्षणों की समीक्षा की। उन्होंने सभी रक्षा क्षेत्र से जुड़े हितधारकों के साथ चर्चा भी की, जो इस कार्यक्रम की रणनीतिक अहमियत को दर्शाता है।
सेना और उद्योग के बीच साझेदारी
इस परीक्षण कार्यक्रम में देश के विभिन्न रक्षा उद्योग साझेदारों ने भाग लिया। यह सेना और घरेलू रक्षा कंपनियों के बीच मजबूत होते संबंधों और तकनीकी सहयोग को दर्शाता है।