संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार, 29 नवंबर 2024 को मस्जिद के सर्वेक्षण से जुड़े सिविल जज सीनियर डिवीजन के आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए मस्जिद प्रबंधन समिति को हाई कोर्ट जाने की सलाह दी।
सिविल जज के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में दी गई चुनौती
मस्जिद प्रबंधन समिति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सिविल जज द्वारा हिंदू पक्ष की याचिका पर मस्जिद के सर्वे का आदेश देने को चुनौती दी थी। समिति का कहना था कि सर्वे का आदेश जारी करने से पहले उनका पक्ष नहीं सुना गया। 19 और 24 नवंबर को हुए सर्वेक्षण के कारण क्षेत्र में तनाव बढ़ा और हिंसा की घटनाएं हुईं, जिसमें छह लोगों की जान चली गई।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा:
हाई कोर्ट में अपील दाखिल करें: मस्जिद प्रबंधन समिति को सिविल जज के आदेश के हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने की सलाह दी गई।
तीन दिन में सुनवाई: हाई कोर्ट को तीन दिन के भीतर मामले की सुनवाई सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया गया।
सीलबंद रिपोर्ट: एडवोकेट कमिश्नर द्वारा तैयार की गई सर्वे रिपोर्ट को फिलहाल सीलबंद लिफाफे में रखने का आदेश दिया गया।
शांति व्यवस्था का निर्देश: सुप्रीम कोर्ट ने जिला प्रशासन को संभल में शांति व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी अवांछित घटना को रोकने के निर्देश दिए।
हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल सिविल जज सीनियर डिवीजन इस मामले में आगे कोई कार्यवाही नहीं करेंगे। हाई कोर्ट के आदेश का इंतजार किया जाएगा।
आने वाली सुनवाई पर नजर
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को अपने पास लंबित रखते हुए कहा कि वह इसे 6 जनवरी 2025 से शुरू हो रहे सप्ताह में सूचीबद्ध करेगा।
तनावग्रस्त क्षेत्र में शांति बनाए रखने की अपील
कोर्ट ने संभल में फैले तनाव के मद्देनजर प्रशासन को खास एहतियात बरतने को कहा। साथ ही, दोनों पक्षों से संयम बनाए रखने और कानूनी प्रक्रिया का पालन करने की अपील की।यह मामला न केवल कानूनी रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे क्षेत्र की शांति और सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखने की चुनौती भी जुड़ी हुई है।