शिवमोग्गा/बेंगलुरु, 19 अप्रैल 2025, शब्दरंग समाचार:कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले में सीईटी (कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) परीक्षा के दौरान छात्रों से जनेऊ और कलावा उतरवाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस संवेदनशील मामले में परीक्षा केंद्र अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। यह कार्रवाई नटराज भगवत नामक व्यक्ति की शिकायत पर हुई है।
क्या है मामला?
शिवमोग्गा के शरावतिनगर स्थित आदिचुंचनगिरी पीयू कॉलेज परीक्षा केंद्र पर पहुंचे छात्रों को जनेऊ और हाथों में बंधा रक्षा सूत्र (कलावा) हटाने के लिए कहा गया। गार्ड ने दो छात्रों से इन्हें हटवा दिया, जबकि एक छात्र ने जनेऊ न उतारने पर अड़ गया। उसे लगभग 15 मिनट तक परीक्षा केंद्र के बाहर बैठाए रखा गया और बाद में कलावा उतरवाकर डस्टबिन में डलवाया गया, लेकिन जनेऊ के साथ परीक्षा देने की अनुमति दी गई।
बीएनएस की धाराओं में दर्ज हुई FIR
इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धाराओं 115(2), 299, 351(1), 352 और धारा 3(5) के तहत एफआईआर दर्ज हुई है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है कि किन हालातों में यह निर्देश दिए गए और क्या यह किसी विशेष समुदाय की आस्था पर हमला था।
उच्च शिक्षा मंत्री का बयान
राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. एमसी सुधाकर ने इस घटना को “बहुत दुर्भाग्यपूर्ण” बताया और स्वीकार किया कि बीदर जिले में भी ऐसी शिकायत सामने आई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल दो केंद्रों को छोड़कर बाकी सभी जगह परीक्षा प्रक्रिया सामान्य रही।
मंत्री ने कहा, “किसी भी धर्म के प्रतीकों को हटाने का कोई आदेश नहीं था। हम सभी धर्मों की आस्था का सम्मान करते हैं और इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेंगे। सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
स्थानीय विरोध और तनाव
घटना के बाद ब्राह्मण संगठनों ने परीक्षा केंद्र के बाहर प्रदर्शन किया और गार्ड से जवाब-तलबी की। पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ को शांत कर वहां से हटाया।
शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक आस्था से जुड़े प्रतीकों पर ऐसे निर्देश संवेदनशीलता को ठेस पहुंचा सकते हैं। राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए एफआईआर दर्ज की है और पूरे मामले की जांच जारी है। यह देखना अहम होगा कि दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है और भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए क्या दिशानिर्देश बनाए जाते हैं।