झारखंड के पहाड़िया समुदाय की पीड़ा: खुले में नहाने और शौच की मजबूरी

Share this News

झारखंड (Shabddrang Samachar): झारखंड के साहिबगंज जिले के बोरियो विधानसभा क्षेत्र के जेटकेकुमारजोरी गांव में रहने वाले पहाड़िया समुदाय के लोगों की जिंदगी आज भी बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूर है। इस गांव की महिलाओं ने अपने दर्द को साझा करते हुए बताया कि उन्हें आज भी खुले में नहाने और शौच जाने की मजबूरी झेलनी पड़ती है।

बुनियादी सुविधाओं का अभाव

राजधानी रांची से लगभग 415 किलोमीटर दूर स्थित यह गांव विकास की दौड़ में पिछड़ गया है। गांव में शौचालय, नहाने के स्थान और पानी की व्यवस्था जैसी मूलभूत जरूरतों का घोर अभाव है। महिलाओं ने बताया कि इस स्थिति ने उनकी सुरक्षा और सम्मान दोनों को खतरे में डाल रखा है। खुले में शौच और स्नान के कारण उन्हें शर्मिंदगी और असुरक्षा का सामना करना पड़ता है।

विधायक और सांसद से दूरी

इस गांव के लोग अपनी समस्याओं को लेकर पूरी तरह असहाय महसूस करते हैं। गांव के लोगों का कहना है कि उन्होंने आज तक अपने क्षेत्र के विधायक और सांसद को देखा तक नहीं है। उनकी समस्याएं सुनने और समाधान करने वाला कोई नहीं है।

सरकारी योजनाओं का नहीं हुआ क्रियान्वयन

सरकार द्वारा स्वच्छ भारत अभियान और जल जीवन मिशन जैसी योजनाएं चलाए जाने के बावजूद यह गांव अब तक इनसे अछूता है। शौचालय निर्माण की योजनाएं या तो यहां तक पहुंची ही नहीं या फिर अधूरी रह गईं। पानी की सुविधा भी गांव में पर्याप्त नहीं है, जिससे लोगों को दूरदराज के स्थानों से पानी लाना पड़ता है।

महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान पर सवाल

खुले में नहाने और शौच के कारण महिलाओं को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। अंधेरे में बाहर जाने का डर, सामाजिक अपमान, और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उनकी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुकी हैं।

विकास की जरूरत

गांव के लोगों ने अपील की है कि सरकार और स्थानीय प्रशासन उनकी समस्याओं पर ध्यान दें। शौचालय और पानी जैसी सुविधाओं की तत्काल व्यवस्था की जाए ताकि उनकी जिंदगी में थोड़ी राहत आ सके।

झारखंड के पहाड़िया समुदाय के लोगों का यह दर्द भारत के उन लाखों गांवों की कहानी है, जो आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। यह सरकार और प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि विकास की योजनाएं सिर्फ कागजों पर सीमित न रहें, बल्कि इनका लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचे। केवल तभी देश सही मायने में विकास के पथ पर आगे बढ़ पाएगा।

  • Related Posts

    महाकुंभ २०२५

    Share this News

    Share this Newsशब्दरंग समाचार: कितने लोग नहाए ? महाकुंभ में गिनती कैसे हो रही है ? ये कहा जा रहा है कि महाकुंभ में 45 करोड़ लोग स्नान करेंगे ।…

    8वें वेतन आयोग से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ी राहत.

    Share this News

    Share this Newsनई दिल्ली, 17 जनवरी 2025: केंद्र सरकार ने नए साल की शुरुआत में लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को तोहफा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *