
नई दिल्ली। शब्दरंग समाचार: केंद्र सरकार ने कपास पर आयात शुल्क से मिलने वाली छूट को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 तक कर दिया है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पहले यह छूट 19 अगस्त से 30 सितंबर 2025 तक लागू थी, लेकिन अब इसकी अवधि बढ़ा दी गई है।सरकार के इस कदम के बाद राजनीतिक और किसान संगठनों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा,”मोदी जी ने ट्रंप के दबाव में कपास पर लगने वाली 11 फ़ीसदी ड्यूटी हटा दी है। अब अमेरिका से आने वाली कपास पर कोई ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी।”इधर, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और अन्य किसान संगठनों ने सरकार के फैसले का विरोध करते हुए इसे तुरंत रद्द करने की मांग की है। एसकेएम का कहना है कि यह कदम पहले से ही संकट में फंसे भारतीय कपास उत्पादकों को और गहरे आर्थिक संकट में धकेल देगा।किसान संगठनों ने तर्क दिया कि अमेरिका में कपास पर लगभग 12% सब्सिडी दी जाती है, जबकि भारत में यह केवल 2.37% है। यह असमानता अमेरिकी किसानों को अनुचित लाभ देती है और भारतीय किसानों की प्रतिस्पर्धा क्षमता को कमजोर करती है।किसानों का कहना है कि अगर सरकार ने यह छूट वापस नहीं ली, तो आने वाले दिनों में बड़े आंदोलन की तैयारी की जाएगी।