शब्दरंग समाचार: बेंगलुरु, 8 जनवरी 2025:कर्नाटक में वक्फ बोर्ड ने 70 से अधिक संपत्तियों पर दावा कर एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। श्रीरंगपटना के ऐतिहासिक शहर में सरकारी इमारतों, किसानों की जमीनों और ऐतिहासिक स्मारकों पर वक्फ बोर्ड का दावा चर्चा का विषय बन गया है।
विवाद की जड़:
श्रीरंगपटना की इन संपत्तियों में से कई पर पहले से ही सरकार, किसानों और स्थानीय प्रशासन का अधिकार है। वक्फ बोर्ड द्वारा इन संपत्तियों को “वक्फ संपत्ति” घोषित करने के प्रयास ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।किसानों और प्रशासन का विरोध:किसानों और स्थानीय प्रशासन ने वक्फ बोर्ड के इस कदम की कड़ी निंदा की है। किसानों का कहना है कि यह उनकी रोजी-रोटी पर हमला है, जबकि प्रशासन इसे सार्वजनिक और ऐतिहासिक संपत्तियों के अधिकार पर अतिक्रमण मान रहा है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया:
इस विवाद ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि वह वक्फ बोर्ड की “मनमानी” पर अंकुश लगाने में नाकाम रही है। वहीं, राज्य सरकार का कहना है कि मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
कानूनी लड़ाई की संभावना:
कई संपत्ति मालिकों और किसानों ने वक्फ बोर्ड के दावे को अदालत में चुनौती देने की बात कही है। उनका कहना है कि यह कदम न केवल अवैध है, बल्कि संपत्ति अधिकारों का भी उल्लंघन है।
ऐतिहासिक स्मारकों पर भी दावा:
सबसे अधिक विवाद ऐतिहासिक स्मारकों पर वक्फ बोर्ड के दावे को लेकर है। स्थानीय इतिहासकारों का मानना है कि इन स्मारकों का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है, और इन्हें किसी विशेष धर्म से जोड़ना गलत है।समाप्ति:कर्नाटक में वक्फ बोर्ड द्वारा संपत्तियों पर दावे का यह मुद्दा एक बड़े विवाद का रूप ले सकता है। सरकार, किसानों और स्थानीय प्रशासन के विरोध के बावजूद, यह मामला सुलझने के बजाय और उलझता जा रहा है। अब देखना होगा कि इस विवाद का समाधान कैसे निकाला जाता है।