चंडीगढ़। संवाददाता: पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन सोमवार को 28वें दिन भी जारी है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए डल्लेवाल ने 26 नवंबर को पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन शुरू किया था। डॉक्टरों ने उनकी हालत को “गंभीर” बताया है और हार्ट अटैक और कई अंगों के फेल होने का खतरा जताया है।
स्वास्थ्य की स्थिति चिंताजनक
डल्लेवाल का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा है कि लंबे समय से भूख हड़ताल के चलते उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो गई है, जिससे उन्हें इंफेक्शन का खतरा है। डॉक्टरों की सलाह के बाद रविवार को डल्लेवाल मंच पर नहीं आए। किसान संगठनों ने कहा है कि उनके स्वास्थ्य को लेकर स्थिति नाजुक बनी हुई है।
आंदोलन की पृष्ठभूमि
डल्लेवाल 70 वर्ष के हैं और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में चल रहे आंदोलन के प्रमुख चेहरा हैं। उनकी प्रमुख मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी दी जाए। इसके अलावा, वे किसानों के अन्य मुद्दों पर भी सरकार से स्पष्ट समाधान चाहते हैं।
केंद्र सरकार पर दबाव
किसान संगठनों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह डल्लेवाल की मांगों पर गंभीरता से विचार करे। किसान नेता यह कहते रहे हैं कि यदि सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन और तेज होगा।
चिंता का माहौल
डल्लेवाल की गंभीर हालत ने किसान संगठनों और उनके समर्थकों में चिंता पैदा कर दी है। किसान नेता और प्रदर्शनकारी लगातार उनके स्वास्थ्य की स्थिति पर नजर रख रहे हैं। आंदोलन की गंभीरता को देखते हुए सरकार से जल्द हस्तक्षेप की मांग की जा रही है।इस स्थिति में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार डल्लेवाल की मांगों को लेकर क्या कदम उठाती है और किसान आंदोलन का अगला चरण किस दिशा में बढ़ता है।