शब्दरंग संवाददाता: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए बलात्कार और हत्या के मामले में आज सियालदह कोर्ट का फैसला आने वाला है।
9 अगस्त, 2024 को हुई इस घटना ने पूरे पश्चिम बंगाल में गुस्से और आंदोलन को जन्म दिया था। घटना के बाद अस्पताल परिसर से पीड़िता का शव मिला था, और जांच में बलात्कार के बाद हत्या की पुष्टि हुई थी।
अब तक क्या हुआ?
- घटना के शुरुआती दिन:9 अगस्त, 2024:
- 31 वर्षीय महिला ट्रेनी डॉक्टर का शव कॉन्फ्रेंस रूम में मिला।
- डॉक्टर खाना खाने के बाद वहीं सो गई थीं।
- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बलात्कार और हत्या की पुष्टि।
- 10 अगस्त, 2024:कोलकाता पुलिस ने टास्क फोर्स का गठन किया।
- मुख्य आरोपी संजय राय को गिरफ्तार किया गया।
- उसकी गिरफ्तारी में टूटा हुआ ब्लूटूथ ईयरफोन महत्वपूर्ण सबूत बना।
जांच और कानूनी कार्यवाही
- 13 अगस्त, 2024:कोलकाता हाई कोर्ट ने मामले को सीबीआई को सौंपा।
- 2 सितंबर, 2024:सीबीआई ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और स्थानीय पुलिस अधिकारी अभिजीत मंडल सहित कई आरोपियों को गिरफ्तार किया।
- 7 अक्तूबर, 2024:मुख्य आरोपी संजय राय के खिलाफ सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल किया।
- 13 दिसंबर, 2024:सबूतों के अभाव में तत्कालीन प्रिंसिपल और टाला पुलिस स्टेशन के प्रभारी को जमानत मिली।
जन आंदोलन और सरकार की भूमिका:
- घटना के बाद डॉक्टरों और छात्रों ने लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन किया।
- 27 अगस्त, 2024: छात्रों ने राज्य सचिवालय तक विरोध मार्च निकाला।
- 15 अगस्त, 2024: महिला सुरक्षा के लिए “रीक्लेम द नाइट” आंदोलन हुआ।
- 20 अगस्त, 2024: सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय टास्कफोर्स बनाई।
मृतका के परिवार का असंतोष:
मृतका के माता-पिता ने सीबीआई की जांच पर सवाल उठाए और हाई कोर्ट में याचिका दायर कर नए सिरे से जांच की मांग की। उनका कहना है कि:सीबीआई अब तक मृतका की मां का बयान तक दर्ज नहीं कर सकी।जांच में लापरवाही बरती गई, जिससे न्याय मिलने में देरी हो रही है।
आज का दिन:
पांच महीने की सुनवाई के बाद सियालदह कोर्ट आज इस मामले में फैसला सुनाएगा। मृतका के परिवार और समर्थकों को उम्मीद है कि पीड़िता को न्याय मिलेगा। वहीं, सीबीआई की जांच पर उठे सवाल और आरोपियों की जमानत ने इस मामले को और अधिक जटिल बना दिया है।इस फैसले का असर न केवल इस मामले पर बल्कि राज्य की सुरक्षा व्यवस्था और न्याय प्रणाली पर भी होगा।