शब्दरंग समाचार: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में अब तक तीन प्रमुख स्नान संपन्न हो चुके हैं:
1. मकर संक्रांति (14 जनवरी 2025)
2. मौनी अमावस्या (29 जनवरी 2025)
3. बसंत पंचमी (3 फरवरी 2025)
अब शेष दो प्रमुख स्नान पर्व निम्नलिखित हैं:
1. माघ पूर्णिमा (12 फरवरी 2025, बुधवार):
इस दिन संगम में स्नान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में डुबकी लगाने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
2. महाशिवरात्रि (26 फरवरी 2025, बुधवार):
महाकुंभ का अंतिम स्नान महाशिवरात्रि के दिन होगा। इस दिन भगवान शिव की आराधना के साथ संगम में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
यदि आप भीड़ से बचकर महाकुंभ के शेष स्नान पर्वों में शामिल होना चाहते हैं, तो उपरोक्त तिथियों पर प्रयागराज आ सकते हैं। इन दिनों में संगम नगरी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है, इसलिए अपनी यात्रा की योजना पहले से बनाना उचित होगा।महाकुंभ के दौरान प्रयागराज का मौसम सुखद रहता है।
फरवरी महीने में दिन का तापमान लगभग 26-30 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है, जबकि रात में यह 12-16 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। इसलिए, हल्के गर्म कपड़े साथ रखना उचित होगा।
महाकुंभ के दौरान प्रशासन द्वारा सुरक्षा और सुविधा के व्यापक इंतजाम किए जाते हैं। फिर भी, अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा का ध्यान रखें और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।
महाकुंभ में स्नान का धार्मिक महत्व अत्यधिक है। मान्यता है कि इन पवित्र दिनों में संगम में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। अतः, यदि संभव हो तो इन शेष स्नान पर्वों में शामिल होकर आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करें।